जबलपुर। धोखाधड़ी, फेरफेर के मामले में भोपाल की कोर्ट द्वारा 10 साल की सजा प्राप्त एक 80 वर्षीय महिला को मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने अपने इतिहास में पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत दे दी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हाई कोर्ट ने मंगलवार को अपने पहले आपराधिक मामले की सुनवाई की। जमानत देने वाले जज का नाम राजीव कुमार दुबे है। अधिवक्ता ब्रह्मदत्त सिंह ने बताया कि भोपाल निवासी माया बिसरिया को भोपाल जिला अदालत ने 29 फरवरी को धोखाधड़ी व हेराफेरी के दोष में 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। इसी आदेश के खिलाफ अपील दायर कर आवेदिका की उम्र का हवाला दिया गया। इसे मंजूर कर कोर्ट ने आवेदिका को 50 हजाररुपए की जमानत पर रिहा करने का निर्देश दे दिया। जमानत पर रिहा महिला को 29 मई को निचली अदालत में उपस्थिति दर्ज करानी होगी।