ऐसे में खेल एकेडमी में चयन के लिए कुछ लड़के लड़कियों ने भिण्ड से टेस्ट दिए और उनमें से एक लड़की का चयन भी हुआ पर उनके माता-पिता अकेली लड़की को भिण्ड से बाहर भेजने के लिए तैयार नहीं थे अंजली शिवहरे जो कि राधे गोपाल यादव के द्वारा ही प्रारंभिक स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग ले रही थीं उनका भविष्य खराब ना हो जाए इसको देखते हुए कम उम्र की होने के बावजूद भी कु. श्रेया की इच्छा को देखते हुए और अंजली के भविष्य के लिए वाटर स्पोर्ट्स एकेडमी मध्य प्रदेश के लिए भेज दिया, वहां जाकर के जहां अंजलि ने रोइंग खेल का चयन अपने लिए किया वही सबसे कठिन और खतरनाक जोखिम भरा पानी का खेल कैनो सलालम का चयन कु. श्रेया ने अपने लिए किया और पहले ही वर्ष में इंडिया में गोल्ड मैडल हासिल किया उसके बाद कोरोना काल के चलते घर वापस लगभग 1 वर्ष तक रहना पड़ा घर पर रहकर निरंतर अभ्यास ऑनलाइन अपने प्रशिक्षक की देख-रेख में करती रहीं।
घर पर अपने पिता के साथ व्यायाम करके शारीरिक फिटनेस का ध्यान रखा। और पिता के निर्देशन में व्यायाम पिता-पुत्री साथ-साथ करते रहे जिसके फल स्वरुप दोबारा 2021 में जब वह खेल एकेडमी वापस पहुंची तो शीघ्र ही 2 महीने बाद होने वाले कंप्टीशन में फिर से मैडल प्राप्त करने में सफल रहीं इसके बाद उनका चयन इंडिया की आलम टीम के लिए हो गया और उसी का कैंप वर्तमान में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सानिध्य में वह महेश्वर में रहकर प्राप्त कर रही हैं आने वाले समय में थाईलैंड में होने वाली एशियन चैंपियनशिप के लिए वह भारत का नाम रोशन करेंगी और भिण्ड की ही नहीं पूरे भारत की लड़कियों की प्रेरणा स्रोत बनेंगी कु. श्रेया के प्रोत्साहन में पूरा परिवार ही लगा रहता है क्योंकि कु. श्रेया का परिवारजन ज्यादातर सभी खेल में परिपक्व हैं जिन्होंने प्रत्येक खेल को बढ़ाने के लिए अहम भूमिका निभाई है।
कु. श्रेया ने राज्य शासन एवं जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि थाईलैंड में होने वाली एशियन चैंपियनशिप में मेरा चयन होने से मैं बहुत खुश हूं, मुझे गर्व है कि मैं एशियन चैंपियनशिप में अपने देश के लिए खेलूंगी।