नरसिंहपुर: भोपाल-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माणाधीन पुल भरभराकर टूटा, गुणवत्ता पर सवाल, अफसर कर रहे बचाव
नरसिंहपुर। भोपाल-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 45 पर जिले की सीमा में करीब 64 किमी फोरलेन का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसमें तेंदूखेड़ा नगरीय क्षेत्र की सीमा में घोघरा नाले पर निर्माणाधीन एक ब्रिज शनिवार की तड़के टूट गया। घटना की सूचना स्थानीय लोगों को उस दौरान लगी जब सुबह घूमने के लिए निकले लोगों ने ब्रिज को टूटा हुआ देखा। बताया जाता है कि ब्रिज में लोहा बंधने के बाद लेंटर का कार्य चल रहा था और एक तरफ के हिस्से में लेंटर का कार्य हो गया था और रहवासी क्षेत्र की तरफ वाले हिस्से में लेंटर का कार्य होना था।
हादसे में फिलहाल किसी के हताहत होने की जानकारी सामने नहीं आई है वहीं ब्रिज टूटने के बाद मौके पर कोई जिम्मेदार अधिकारी भी नहीं है, ठेकेदार के जो नुमाइंदे है उनकी ओर से भ्ाी यही कहा जा रहा है कि घटना से किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन निर्माण के दौरान ही ब्रिज के टूटने की घटना ने कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठा दिए है।
ये है घटनाक्रम
नरसिंहपुर जिले की सीमा में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 44 पर 64 किमी फोरलेने का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसमें हिरन नदी से मदनपुर ग्राम स्थित पुल तक फोरलेन सीमेंट सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। यह कार्य शुरूआती दौर से ही विवादों में है और कार्य की गुणवत्ता पर लंबे समय से सवाल उठ रहे है। निर्माणाधीन ब्रिज के गिरने के बाद कार्य करने वाले ठेकेदार और कर्मचारियें में हड़कंप की स्थिति बनी है। क्षतिग्रस्त ब्रिज को देखने के लिए लोग भी पहुंच रहे है और कह रहे है कि जब बनने के दौरान ही ब्रिज टूट रहा है तो हाइवे के सघन यातायात दौरान क्या हालत होगी। यदि बारीकी से जांच की जाए तो पूरे हाइवे निर्माण में बरती गईं अनियमिताएं उजागर हो सकतीं हैं।
नरसिंहपुर पीआयू बंद कर जबलपुर पीआयू को सौंपा कार्य: बताया जाता है कि एनएचएआइ द्वारा वर्ष 2018 में जब फोरलेन निर्माण की परियोजना अमल में लाई गई थी उस दौरान क्रियान्यन इकाई पीआइयू नरसिंहपुर थी लेकिन उसके बाद एनएचएआइ द्वारा नरसिंहपुर पीआईयू को अचानक बंद कर दिया गया और जबलपुर पीआइयू को क्रियान्वयन इकाई बना दिया गया। जिससे न तो कार्य की निगरानी ठीक तरह से हो रही है और न ही कार्य में गुणवत्ता की निगरानी हो रही है। जिले की सीमा में हिरन नदी से सिंदूर नदी तक 64 किमी हाइवे निर्माण की प्रोजेक्ट लागत करीब 617 करोड़ रूपये बताई जा रही है और कार्य का ठेका कृष्णा कंट्रक्शन व गावर कंट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है। जिसका कार्य वर्ष 2020 में पूरा हो जाना था लेकिन यह कार्य न तो समय सीमा में पूरा हो सका और न ही कार्य में गुणवत्ता की देखरेख हुई जिससे निर्माण के दौरान ही ब्रिज गिरने की स्थिति बन रही है।
ब्रिज की सेटिंग लगी थी और नीचे दो गाय घुस गईं थीं जिन्होंने सेटिंग को डिस्टर्ब कर दिया जिससे क्रांकीट गिरने लगी थी तो ब्रिज को ठेकेदार ने तुड़वाने का कार्य किया। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। ब्रिज का जो हिस्सा टूटा है उसे फिर से बनाया जाएगा। कार्य की पहले प्रोजेक्ट लागत 617 करोड़ थी लेकिन नौरादेही क्षेत्र का कार्य अलग होने से कार्य की लागत घटकर 513 करोड़ हो गई थी। पारस बसंल, डिप्टी मैनेजर पीआइयू जबलपुर