भोपाल। राज्य शासन द्वारा कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिये स्वास्थ्य विभाग के सार्थक एप पर सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इन अधिकारियों/कर्मचारियों ने दिन में 2 बार सुबह 6 से 11 और शाम 6 से 9 बजे के बीच चिकित्सालयों द्वारा http://www.sarthak.nhmmp.gov.in पोर्टल पर चिकित्सालयों द्वारा की जाने वाली डाटा एंट्री की समीक्षा कल से शुरू कर दी है।
यदि अस्पतालों द्वारा कोविड मरीजों के लिये बेड और पैकेज दर आदि की डेटा एंट्री नहीं की जाती है, तो सामाजिक न्याय विभाग का अमला स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ को संबंधित अस्पताल का लायसेंस रद्द करवाने और अन्य दंडात्मक कार्रवाई के लिये प्रस्ताव प्रेषित करेगा।
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा प्रत्येक विभागीय अमले को 1 से 3 अस्पतालों की जिम्मेदारी दी गई है। ये लोग निजी चिकित्सालयों के नोडल या अधिकृत अधिकारी से समन्वय स्थापित कर प्रतिदिन सुबह और शाम चिकित्सालयों में पहुँचकर बेड की उपलब्धता की एप पर डाटा एंट्री सुनिश्चित कर रहें है। ये अधिकारी/कर्मचारी अस्पताल में कोविड मरीजों के लिये आइसोलशन बेड, ऑक्सीजन, सपोर्टेड बेड, आईसीयू/एचडीयू बेड और रेट एवं पैकेज की जानकारी की भी सतत समीक्षा करने के साथ अस्पताल में इनका प्रदर्शन किया जाना भी सुनिश्चित कर रहे हैं।
पंजीकृत निजी अस्पताल के लिये दर सूची प्रदर्शन अनिवार्य
वर्तमान में प्रदेश में कोविड प्रकरणों की बढ़ती संख्या और निजी अस्पतालों में रोगी के परिजनों से अधिक शुल्क वसूल न किया जाए के दृष्टिगत राज्य शासन ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश भी जारी किये हैं। निर्देशों में कहा गया है कि निजी पंजीकृत चिकित्सालय द्वारा चिकित्सकीय सेवाओं के साथ-साथ कोविड मरीजों के लिये निर्धारित सेवा शुल्क या पैकेज अलग से रजिस्ट्रेशन काउंटर एवं अस्पताल के अन्य सुलभ स्थानों पर प्रदर्शित किये जाएं। प्रदर्शित दर सूची में किसी निर्धारित पैकेज से अलग चार्ज की जाने वाली सेवाएँ और उनकी दरें भी स्पष्ट रूप से अंकित होनी चाहिए। अस्पताल को यह दरें किसी भी रोगी या उनके परिजन के मांगने पर इसकी प्रति उपलब्ध करवानी होगी।
पंजीकृत अस्पताल में उपलब्ध बेड की दैनिक अद्यतन जानकारी सार्थक पोर्टल के साथ रजिस्ट्रेशन काउंटर पर भी उपलब्ध रहे। विशेषकर कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिये होने वाली दरों में संशोधन करने के पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सूचित करना होगा।