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बिहार विधानसभा चुनाव : व्यय निगरानी प्रक्रिया के दौरान रिकॉर्ड 35.26 करोड़ रुपये जब्त

 

बिहार विधान सभा के लिए हो रहे आम चुनाव में काले धन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से प्रभावी निगरानी के लिए भारत के निर्वाचन आयोग ने बिहार में 67 व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती की है। उपयुक्त आकलन के बाद, अधिक केन्द्रित निगरानी के लिहाज से 91 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को व्यय की दृष्टि से संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया गया है। 

चुनावी प्रक्रिया के दौरान नकद और उपहार वितरित करने की अनुमति नहीं है। मतदाताओं को प्रभावित करने के इरादे से उन्हें धन, शराब, या कोई अन्य वस्तुएं दी जाती हैं। यह व्यय “रिश्वत” की परिभाषा के अंतर्गत आता है, जोकि आईपीसी की धारा 171 बी और आर.पी. अधिनियम, 1951 के तहत अपराध है। ऐसी वस्तुओं पर व्यय अवैध है। विधानसभा चुनाव, 2015 में बरामद किये गये कुल 23.81 करोड़ रुपये की तुलना में अब तक (19 अक्टूबर 2020 तक) की जा चुकी रिकॉर्ड बरामदगी 35.26 करोड़+ का विवरण इस प्रकार है:

 

विधानसभा चुनाव, 2020 (19 अक्टूबर 2020 तक)

(रुपये करोड़ में)

 

विधानसभा चुनाव, 2015

(रुपये करोड़ में)

 

कुल

 

रु. 35.26 करोड़+

रु. 79.85 लाख (नेपाली मुद्रा)

रु.23.81 करोड़