Khabar Live 24 – Hindi News Portal

माफिया ने नहीं होने दी रिपोर्ट, पुलिस करती रही इंतजार

नरसिंहपुर। रेत के अवैध खनन को लेकर चीचली थानांतर्गत दिघोरी की प्रतिबंधित खदान में शुक्रवार सुबह हुई फायरिंग और खूनी संघर्ष में दो लोग घायल हुए थे। इस मामले में पीड़ित अस्पताल तो पहुंच गए लेकिन उन्हें माफिया ने थाने नहीं पहुंचने दिया। पुलिस सुबह से देर रात तक शिकायतकर्ताओं का इंतजार करती रही।
शुक्रवार सुबह दुधि नदी की प्रतिबंधित दिघोरी खदान में रेत के अवैध खनन को लेकर झगड़ा हो गया था। इसमें गोलू गुर्जर समेत एक अन्य युवक घायल हुआ था। गाडरवारा अस्पताल पहुंचने पर घायल ने कैमरे के सामने आरोप लगाया था कि माफिया दिघोरी में अवैध खनन कर रहे थे। इस दौरान जब वे लोग वहां पहुंचे तो अवैध खननकर्ताओं ने उनके साथ पहले गालीगलौच शुरू कर दी, इसके बाद मारपीट शुरू हो गई। थोड़ी ही देर बाद एक व्यक्ति ने दनादन पांच फायर कर दिए। इस घटनाक्रम में गोलू गुर्जर समेत दो अन्य साथी बाल-बाल बचे। घायल गोलू गुर्जर ने बताया कि मारपीट में उसे व साथी को चोटें आईं। वहीं घटनास्थल की बात करें तो यहां जगह-जगह बिखरा खून इस बात की भी गवाही दे रहा था कि दिघोरी में खूनी संघर्ष हुआ है। इस घटनाक्रम के बाद पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के निर्देश पर चीचली थाना प्रभारी व पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। यहां उन्होंने घायल युवक से पूछताछ भी की गई। हालांकि इसमें उन्हें आरोपितों के नाम नहीं पता चल सके। घायल को अस्पताल पहुंचाने के बाद शिकायतकर्ताओं को थाने बुलाया गया। बयान दर्ज करने के लिए एसडीओपी गाडरवारा दोपहर से लेकर रात 9 बजे तक चीचली थाने में ही रहीं लेकिन पीड़ित पक्ष का कोई भी व्यक्ति मुकदमा कायम कराने नहीं आया।
माफिया ने बनाया दबाव

दिघोरी गोलीकांड के सोशल मीडिया पर वायरल होने और जिला प्रशासन के आलाधिकारियों तक शिकायत पहुंचने के बाद माफिया के लोग भी सक्रिय हो गए। ग्रामीणों ने बताया कि बंदूकधारी अवैध खननकर्ताओं के लोग थाना परिसर से कुछ दूर रहकर लगातार पुलिस से मिलने-जुलने वालों पर नजरें जमाए रहे। बताया तो ये भी जा रहा है कि इस मामले में रिपोर्ट दर्ज न हो इसके लिए माफिया ने शिकायतकर्ताओं पर दबाव बनाया था। अंदेशा है कि उन्हें डरा-धमकाकर थाने पहुंचने से रोका गया हो।

इनका ये है कहना
चीचली थाना प्रभारी समेत एसडीओपी गाडरवारा सुबह 9 बजे से लेकर रात 9 बजे तक पीड़ित पक्ष का इंतजार करती रही लेकिन कोई नहीं आया। हम तो कार्रवाई करने के लिए तैयार बैठे थे, मजबूरी इतनी थी कि शिकायत हमारे पास नहीं थी। फिर भी हम दिघोरी समेत आसपास के गांवों में नजर रखे हुए हैं।
अजयसिंह, पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर।