नरसिंहपुर। भारतीय स्टेट बैंक के बहुचर्चित गबन मामले में सीबीआइ जबलपुर की टीम दूसरे दिन भी जिला मुख्यालय में डटी रही। मंगलवार को छह सदस्यीय जांच टीम ने संदिग्धों समेत अधिकारियों के बयान दर्ज किए। गबन के दस्तावेजों को खंगाला।
स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में सीबीआई की टीम ने सुबह करीब 10.30 बजे फिर से दस्तक दी। कार्यालय के ऊपरी तल पर इस टीम ने गबन से संबंधित विभिन्न् दस्तावेजों की पड़ताल की। इसके साथ ही टीम ने फर्जी तरीके से लोन स्वीकृत करने में अपनाई गई प्रक्रिया समेत उन खाताधारकों के बारे में भी जानकारी जुटाई जिनके खाते में अचानक से लोन की राशि दर्शाकर लाखों रुपये जमा कराए गए थे। मंगलवार को जांच टीम के समक्ष संदिग्ध खाताधारकों के बयान भी दर्ज किए गए। इन्हें सोमवार को नोटिस देकर बुलाया गया था। ये पूरी कार्रवाई मजबूत सुरक्षा घेरा बनाकर की गई। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि स्टेट बैंक के जिस ऊपरी तल में ये जांच चल रही थी, वहां पर बैंक के किसी भी कर्मचारी को आने की पूरी तरह से मनाही थी। जांच का ये सिलसिला रात करीब 8 बजे तक चलता रहा। सीबाआइ की दूसरे दिन भी जारी रही इस कार्रवाई से स्टेट बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति रही।
कुछ खातों में अभी भी जमा हैं रकम: दो साल पहले इस गबन के मामले में सीबीआई की जांच में ये बात सामने आई है कि जिन्हें फर्जी तरीके से लोन दिया गया है, उनमें से कुछ के खातों में अभी भी 10 से 15 लाख रुपये की रकम जमा है। वहीं कई खातों में से ये रकम पहले ही निकाली जा चुकी है। सीबीआई के पुलिस अधीक्षक पीके पांडे के अनुसार हम खातों से संबंधित लोगों और लेन-देन के तौर-तरीकों की भी पड़ताल कर रहे हैं। जल्द ही जांच पूरी हो जाएगी। इसके बाद आरोपितों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। जांच का ये अंतिम दौर चल रहा है।
इनका ये है कहना
स्टेट बैंक मंडी शाखा में गबन के मामले में अंतिम दौर की जांच चल रही है। हमारी टीम ने मंगलवार को संबंधितों के बयान दर्ज किए हैं। दस्तावेजों समेत जिन खातों में लोन की राशि जमा कर निकाली गई, उसकी पड़ताल हो रही है। हमारी टीम पिछले दो दिन से नरसिंहपुर जिला मुख्यालय में ही है।
पीके पांडे, पुलिस अधीक्षक, सीबीआइ, जबलपुर।