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मंदिरों में 9 माह बाद दिखी रौनक, जश्न में डूबा नरसिंहपुर जिला, यहां-यहां जारी रहा सेलिब्रेशन

 नरसिंहपुर/गोटेगांव/बरहटा। कोरोना काल में 9 माह बाद ये पहला मौका रहा जब मंदिरों में भक्तों की कतार रही। लोग परिवार समेत आराध्य के दर्शन करने विभिन्न् धार्मिक स्थलों पर पहुंचे। यहां उन्होंने नववर्ष 2021 का पहला दिन उमंग व उत्साह से व्यतीत किया। नर्मदा के तटों पर भी स्नान, अनुष्ठान करने वालों की भीड़ देखी गई। प्राकृतिक सौंदर्य के स्थलों पर युवा व अन्य पिकनिक मनाने पहुंचे।


नववर्ष के शुभारंभ के पूर्व 31 दिसंबर की रात 12 बजते ही जिले में सेलिब्रेशन का दौर शुरू हो गया था। जिला मुख्यालय समेत सभी तहसीलों में उत्साहिजनों ने जमकर आतिशबाजी की। वहीं नए साल की सुबह-सुबह लोग परिवार के साथ विभिन्न् मंदिरों में माथा टेकने पहुंचे। जिला मुख्यालय के पास दादा दूल्हादेव महाराज मंदिर, झोतेश्वर स्थित त्रिपुर सुंदरी माता राज-राजेश्वरी, गाडरवारा स्थित डमरूघाटी, हीरापुर में माता राज राजेश्वरी, नरसिंहपुर स्थित सिद्धिविनायक गणेश मंदिर और सदर स्थित कालीमठ में आस्थावानों का सर्वाधिक जमावड़ा रहा। यहां पहुंचे भक्तों ने अपने और परिवार के लिए स्वास्थ्य कामना की। नया साल कोरोना के प्रकोप से मुक्त रहे, इसके लिए विशेष प्रार्थना की।


नदी तटों पर मेला: नववर्ष 2021 के पहले दिन जिले के नर्मदा तटों पर मेला जैसा नजारा देखने को मिला। बरमान के रेत व सीढ़ी घाट के अलावा तेंदूखेड़ा के पास ककराघाट, गोटेगांव के पास भैंसा, सांकल, नरसिंहपुर के पास देवाकछार, चिनकीघाट, समनापुर, घूरपुर, करेली के पास शगुन, कुंडा, गाडरवारा के अंतर्गत झिकौली आदि सभी घाटों पर स्नान-ध्यान करने वालों की भीड़ रही। यहां पर सागर, छिंदवाड़ा, सिवनी आदि जिलों से बड़ी संख्या में आस्थावान पहुंचे।


पर्यटन का उठाया लुत्फ

इस बार भी नए साल का जश्न मनाने के लिए युवाओं, बच्चों समेत अन्य सभी उम्र के लोग जिले के भीतर व बाहर स्थित पर्यटन स्थलों पर पहुंचे। जिले में बरहटा स्थित शेढ़ नदी का टोनघाट झरना, शक्कर नदी के घाट, परमहंसी गंगा आश्रम, डमरूघाटी, बरमान सतधारा, महादेव पिपरिया, गरारु आदि जगहों पर लोग पिकनिक मनाते नजर आए। कहीं-कहीं युवाओं की टोली नशाखोरी में भी व्यस्त रही।