नरसिंहपुर। जिले के करेली थानांतर्गत करीब दो साल पहले हुए हत्याकांड पर से पुलिस ने पर्दा उठाया है। प्रकरण में पत्नी की हत्या के आरोपी के रूप में उसका पति ही निकला, जो बीते दिवस इस इत्मिनान से घर लौटा कि उसे कोई पकड़ेगा नहीं, लेकिन उसका ये सोचना भ्रम निकला।
करेली थाना प्रभारी अनिल सिंघई ने बताया कि वर्ष 2019 में 12 अक्टूबर को मृतक महिला रीना वंशकार सहित उसके पति मुकेश वंशकार और नाती लकी वंशकार करेली बस्ती निवासी की गुमसुदगी की शिकायत पिता और भाई ने थाने में दर्ज कराई थी। जिसमें पूरा परिवार 9 अक्टूबर से बिना बताए घर से गायब होना बताया गया था। मामले की छानबीन भी हुई लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसी बीच करीब दो माह बाद दिसंबर में गुम नाती लकी को होशंगाबाद में नर्मदा के सगोनी घाट से परिचितों ने बरामद किया, जिसे उसके परिजनों को सौंप दिया लेकिन बेटी रीना और दामाद मुकेश का कहीं कुछ पता नहीं चला। जिससे परिजनों को किसी अनहोनी की शंका हो गई।
मानव खोपड़ी से हत्या का खुलासा: टीआई अनिल सिंघई ने बताया कि 22 दिसंबर 2019 को पीड़ित परिजनों को करेली बस्ती धमनी नदी किनारे ही एक मानव खोपड़ी और कुछ कपड़े मिले थे। परिजनों को शंका थी कि ये खोपड़ी उनकी बेटी की है। इस पर पुलिस ने नायब तहसीलदार की मौजूदगी में कई स्थानों पर खुदाई कराकर स्थल निरीक्षण भी किया था। मानव खोपड़ी का डीएनए टेस्ट भी कराया जो बाद में बेटे लकी से मिल गया। इससे रीना की हत्या की शिनाख्त हुई। इसके बाद पति के खिलाफ हत्या का मुकदमा कायम कर उसकी तलाश की जा रही थी। पुलिस के अनुसार आरोपी अपने घर आया तो मुखबिर की सूचना पर उसकी गिरफ्तारी की गई। पूछताछ में उसने अपना जुर्म भी कबूल लिया। आरोपी ने बताया कि पत्नी के चरित्र संदेश में झगड़ा होता था। 9 अक्टूबर की रात भी झगड़ते समय मारपीट में पत्नी रीना की मौत हो गई। मामले को छिपाने के लिए लाश को बोरी में भरकर धमनी नदी में फेंक दिया था और बेटे को लेकर होशंगाबाद चला गया था। आरोपी को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेजा गया है।