धर्मेश शर्मा
नरसिंहपुर। जिले की चावरपाठा जनपद के अंतर्गत चावरपाठा पंचायत में महाघोटाला उजागर हुआ है। यहां सरपंच ने अपनी पत्नी, पुत्र व रिश्तेदारों के साथ मिलकर फर्जी फर्म के बिल लगाकर करीब 34 लाख रुपये निकाल लिए। ये जानकारी उजागर होने पर जिला पंचायत ने अब गड़बड़ी के दस्तावेज जनपद से तलब किए हैं। फिलहाल जनपद सीईओ देवेंद्र दीक्षित ने जांच प्रतिवेदन पेश कर दिया है। इसमें सचिव, जीआरएस व अन्य को भी दोषी बताया गया है।
प्रतिवेदन में गबन की राशि का ब्यौरा: जिला पंचायत को जनपद द्वारा दिए गए प्रतिवेदन में बताया है कि प्रधान (सरपंच) शिवचरण चौधरी को 643188, उसके एक पुत्र प्रताप को 641811 रुपये, दूसरे पुत्र कमलेश को 533320 सहित मां, पत्नी के नाम से भी क्रमश: 64218, 201408 रूपये की राशि आहरित हुई। इसी तरह राजेश चौधरी के नाम से 21000, अन्य नजदीकी व्यक्तियों को 592486 एवं प्रधान कार्य एंजेसी ग्राम पंचायत के नाम से 611499 रुपये की राशि आहरित हुई। जनपद ने जांच में उक्त आहरित राशि को शासन को आर्थिक क्षति बताते हुए इसके लिए उक्त लोगों को उत्तरदायी बताया है।
जांच में इन्हें भी माना जिम्मेदार: जांच प्रतिवेदन में जनपद ने वसूली योग्य राशि को भी सिलसिलेवार जिम्मेदारों के नाम सहित बताया है। जिसमें प्रधान शिवचरण चौधरी से 1654465, सचिव रामेश्वर शर्मा से 1614965, उमा श्रीवास्तव से 7000, भैंरोप्रसाद तिवारी से 23500, जीआरएस व प्रभारी सचिव संजू विश्वकर्मा से 6000, पुन: भैंरोप्रसाद तिवारी सचिव से 3 हजार रूपये की वसूली योग्य बताई है।
लोकहित में हो धारा 40 की कार्रवाई: जनपद सीइओ की ओर से दिए जांच प्रतिवेदन में यह भ्ाी कहा गया है कि मामले में संबंधितों को अपना स्पष्टीकरण रखने 7 मई को पत्र जारी कर अभिमत प्रस्तुत करने कहा गया था। जिसमें संबंधितों के स्पष्टीकरण संतोषजनक न होने से अनुशासनात्मक कार्रवाई किया जाना उचित होगा। प्रधान(सरपंच) के विरुद्ध मप्र पंचायत राज ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत वसूली की कार्रवाई एवं लोकहित में न बने रहने के लिए धारा 40 की कार्रवाई करने एवं तत्कालीन सचिवों के खिलाफ सेवा भर्ती मापदंडो के अनुरुरूप अनुशासनात्मक कार्रवाई व कुल राशि 3308930 का अनाधिकृत व्यय की संबंधितों से वसूली किया जाना प्रस्तावित है। प्रतिवेदन में बिला बाउचर, स्पष्टीकरण सहित अन्य पत्र संलग्न किए गए है।
जनपद से जांच प्रतिवेदन आया था जिसमें राशि की गड़बड़ी होना बताया गया है। हमनें सीईओ को निर्देश दिए है कि प्रतिवेदन के साथ दस्तावेज भी प्रस्तुत करें। इसके बाद संबंधितों को नोटिस देने के साथ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।केके भार्गव, सीईओ जिला पंचायत नरसिंहपुरमुझसे पहले जो सीइओ थे उन्होंने ही जिला पंचायत को भी दस्तावेज पहुंचा दिए है। जिले से ही मामले मंे कार्रवाई होना है। यदि फिर से दस्तावेज मांगे जाएंगे तो पत्र मिलते ही फिर से भेज दिए जाएंगे।देवेंद्र दीक्षित, सीइओ जनपद चावरपाठा