नरसिंहपुर। अपर जिला दंडाधिकारी ने कोविड- 19 से संबंधित सेवा के दौरान दुर्घटना से आकस्मिक मृत्यु होने पर कोरोना योद्धा के रूप में मिलने वाली मुआवजा राशि जैसी सुविधायें प्रदान करने का आवेदन मिलने के एक प्रकरण में स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री कोविड- 19 योद्धा कल्याण योजना की नियम- शर्तों के अनुसार यह योजना 30 जून 2020 तक ही लागू थी। इसके बाद होने वाली मृत्यु पर पात्रता नहीं होने के कारण इस योजना का लाभ दिवंगत शासकीय सेवक को नहीं मिल सकता है।
उल्लेखनीय है कि गाडरवारा निवासी श्रीमती अनीता साहू ने आवेदन देकर बताया कि उनके पति संतोष साहू जो सांईखेड़ा विकासखंड के तिगराटोला में प्राथमिक शिक्षक थे, उनकी ड्यूटी गाडरवारा में कोरोना सेंटर में लगाई गई थी। जहां उनका अचानक स्वास्थ्य बिगड़ने पर इलाज के दौरान असमय मृत्यु हो गई। इस कारण से कोरोना योद्धा मानकर उनके वारिस को मुआवजा राशि और अन्य सुविधायें दी जाये। इस प्रकरण की जांच एसडीएम गाडरवारा ने की। एसडीएम के जांच प्रतिवेदन के अनुसार उपचार के बाद संतोष साहू की मृत्यु 30 जुलाई 2020 को एमआई कार्डियो पल्मुनेरी अरेस्ट के कारण हो गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर यह पाया गया कि मृतक के वारिसों को इस योजना के तहत पात्रता नहीं है। परंतु शासकीय कर्मचारी होने के नाते जो पात्रता और लाभ दिये जाने हैं, वे संबंधित विभाग से पात्रतानुसार देने की कार्यवाही की जा रही है। फलस्वरूप दिवंगत शासकीय सेवक संतोष साहू को पात्रता नहीं होने से मुख्यमंत्री कोविड- 19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ नहीं मिल सकता है।