वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि बावेर घास पहाड़ो पर होती है, इससे रस्सी बनाई जाती है। रस्सी निर्माण मशीनों से किया जाता है। यहां 78 मशीनें संचालित हैं। आसपास के 18 गांव से बावेर घास लाई जाती है। रस्सी बन जाने पर उसे वन मंडल भेजा जाता है। रस्सी का उपयोग बांस बंडल बांधने में किया जाता है। कलेक्टर को बताया गया कि इस वर्ष बावेर घास अधिक मात्रा में हुई है। केन्द्र वर्ष 2003 से लगातार संचालित है।
कलेक्टर ने यहां प्रधानमंत्री आवास एवं शौचालय निर्माण की जानकारी ली। उन्होंने ग्राम पंचायत सचिव को समग्र आईडी में नाम जुड़वाने और खाद्यान्न पर्ची बनवाने के लिए आवश्यक निर्देश दिये।