इस अवसर पर उपस्थित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय कुमार जैन, राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण के जिला नोडल अधिकारी डॉ. गुलाब खातरकर, जिला अस्पताल प्रबंधक डॉ. राजेंद्र कुमार डेहरिया, संभाग समन्वयक संजय शर्मा मौजूद थे।
इस अवसर पर जिले के सभी नागरिकों से अनुरोध किया गया कि वे शासकीय कार्यालय, मनोरंजन केन्द्र, पुस्तकालय, अस्पताल, स्टेडियम, होटल, शापिंग माल, कॉफी हाऊस, निजी कार्यालय, न्यायालय परिसर, रेल्वेस्टेशन, सिनेमा हॉल, रेस्टोरेंट, सभागृह, प्रतीक्षालय, बस स्टॉप, लोक परिवहन, शिक्षण संस्थान, टी स्टॉल, मिष्ठान भण्डार, ढाबा जैसे सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान नहीं करें।
सार्वजनिक संस्थानों के प्रबंधकों से अनुरोध किया गया कि वे अपने यहाँ धूम्रपान निषेध की सूचना को बोर्ड पर प्रदर्शित करें। लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान नहीं करने दें। तम्बाकू को बढ़ावा देने वाली कोई सामग्री जैसे एश ट्रे आदि सार्वजनिक स्थानों पर उपलब्ध नहीं करायें। सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को थूकने नहीं दें।
तम्बाकू उत्पाद विक्रेता तम्बाकू उत्पादों का विज्ञापन नहीं करें। साथ ही नाबालिगों को तम्बाकू उत्पाद नहीं बेचें। शैक्षणिक संस्थानों के 300 फीट के दायरे में तम्बाकू उत्पाद की दुकान नहीं लगायें। स्वास्थ्य चेतावनी के बगैर तम्बाकू उत्पाद नहीं बेचे जायें।
नोडल अधिकारी डॉ. गुलाब खातरकर ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार समय- समय पर स्वास्थ्य विभाग अन्य विभागों के समन्वय से तम्बाकू नियंत्रण कानून के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए दंडात्मक कार्यवाही भी करेगा।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा तम्बाकू नियंत्रण कानून (सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पादन (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 बनाया गया है। इस कानून की धारा 4 के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। धारा 5 के अनुसार तम्बाकू उत्पादों के विज्ञापन, प्रायोजन एवं प्रोत्साहन निषेध है। धारा 6 के अनुसार नाबालिगों द्वारा और शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधित है। धारा 7 के अनुसार तम्बाकू उत्पादों के 85 प्रतिशत मुख्य भाग पर चित्रात्मक स्वास्थ्य चेतावनियां अनिवार्य है।
जिले में तम्बाकू नियंत्रण कानून के प्रावधानों पर सख्ती से अमल सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और मध्यप्रदेश वॉलेंट्री हेल्थ एसोसिएशन द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए जिला एवं विकासखंड स्तर पर कार्यशाला का आयोजन कर संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस संबंध में जिला स्तरीय समिति का गठन और तम्बाकू नियंत्रण कानून का उल्लंघन करने वालों पर अर्थदण्ड लगाने के लिए व्यवस्था बनाई गई है।
तम्बाकू नियंत्रण कानून को प्रभावी बनाने के लिए जिले के सार्वजनिक स्थानों, तम्बाकू उत्पाद की दुकानों और अन्य स्थानों पर तम्बाकू नियंत्रण कानून के प्रावधानों को अंकित कराया जा रहा है। नागरिकों से आग्रह किया गया है कि वे तम्बाकू से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के इस अभियान में अपना सक्रिय सहयोग दें।