ग्रामवासियों द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त गौशाला के निर्माण से अब गौवंश द्वारा फसलों को नुकसान नहीं होता है। बेसहारा मवेशियों को आश्रय मिल गया है। सरपंच भागचंद्र वंशकार द्वारा बताया गया कि गौवंश के लिए ढाई एकड़ में चारागाह विकसित किया जा रहा है, जिसमें बरसीम लगाई जायेगी, जो इनके लिए चारे के रूप में उपयोग होगी। गौशाला बनने से ग्रामवासियों द्वारा मवेशियों के लिए पृथक से चारा प्रदान करने की व्यवस्था के लिए सहर्ष हामी भरी गई है।
अधिकारीद्वय द्वारा बताया गया कि कुपोषण को दूर करने गाय के दूध का भरपूर उपयोग हो सकता है। गाय का गोबर कृषि के लिए संजीवनी है, इसका उपयोग खाद बनाने में कर रासायनिक खाद के उपयोग को कम किया जा सकता है। गोबर से बड़े स्तर पर गौ- कोष्ठ का निर्माण और उपयोग कर लकड़ी के प्रयोग को कम किया जा सकता है। जंगलों को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चारागाह के लिए फेसिंग की भी व्यवस्था शीघ्र की जाये। इसके अलावा ग्रामीणों द्वारा भुगवारा में गौशाला निर्माण किये जाने की मांग की गई, जिस पर कलेक्टर वेद प्रकाश ने राजस्व अधिकारियों को शासकीय भूमि का चिन्हांकन करने के निर्देश मौके पर दिये। इस दौरान जनपद पंचायत सीईओ प्रबल अरजरिया, सचिव, पटवारी सहित ग्रामीणजन मौजूद थे।