नरसिंहपुर। शासकीय कार्यालयों में दस्तावेज सुरक्षित रहें, इसकी नितांत आवश्यकता होती है। दस्तावेजों को पारम्परिक तौर पर कपड़ों में बांधकर व उस पर स्थान का नाम लिखकर रखा जाता है। बरसात के मौसम में नमी और दीमक के कारण महत्वपूर्ण शासकीय दस्तावेजों के जर्जर एवं नष्ट होने की आशंका बनी रहती है।
जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट के अभिलेखागार में भी कुछ इसी तरह दस्तावेजों को रखा गया था। दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के इस पारंपरिक तरीके में बदलाव के लिए निवर्तमान कलेक्टर दीपक सक्सेना ने अनूठी पहल की। उन्होंने राजस्व विभाग के तहत विभिन्न शासकीय दस्तावेजों जैसे भू- अर्जन, खसरा, मिसल बंदोबस्त, अधिकार अभिलेख, निस्तार पत्रक, संशोधन पंजी, किस्त बंदी, जाति प्रमाण पत्र, नजूल प्रकरण, इंदिरा आवास पट्टे, और राजस्व प्रकरण आदि को मौजावार पहले पॉलीथिन के अंदर रखवाया, इसके बाद इन दस्तावेजों को व्यवस्थित रूप से प्लास्टिक के डिब्बों में रखा गया। https://www.khabarlive24.in/collectred-abhil…gaar-narsinghpur/
उल्लेखनीय है कि डिब्बों में रखे गये ये सभी दस्तावेज भी अलग- अलग रखे हैं। अभिलेखागार में ड्यूटी कर रहे कर्मचारी बताते हैं कि अब इन सभी दस्तावेजों को सहेजकर सुरक्षित रखा जा रहा है। पहले इनमें दीमक लगने व बरसात के पानी के कारण खराब होने की आशंका बनी रहती थी।
निवर्तमान कलेक्टर श्री सक्सेना की इस अनूठी पहल से दस्तावेजों को सुरक्षित रखना अब आसान हो गया है। कलेक्ट्रेट के अभिलेखागार में रिकार्ड कीपर राजबहादुर राजपूत, भृत्य शकील खान, कुंजीलाल चौधरी, परसराम ठाकुर,हरिशंकर जोशी, संतोष शाह व नारायण पटैल, हेल्पर भीम सिंह महोबिया और सुखनंदन वर्मा आदि के दिन- रात अथक परिश्रम से यह संभव हो पाया है।
अभिलेखागार के कर्मचारियों ने बताया कि दस्तावेजों को सुरक्षित रखने का काम लॉक डाउन के पहले शुरू किया गया था। लॉक डाउन के दौरान इस कार्य की गति में कुछ कमी आई थी लेकिन अब यह काम तेजी से पुन: शुरू हो गया है।
https://www.khabarlive24.in/jila-shiksha-vib…news-narsinghpur/