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जिला खनिज अधिकारी की अवैध खनन के मामले में ईडब्ल्यूओ में हुई शिकायत

 नरसिंहपुर। जिले की नदियों में प्रतिबंध के बावजूद रेत का अवैध खनन नहीं रुक रहा है। दिन-रात माफिया नदी घाटों को खोदकर उन्हें खतरनाक बना रहे हैं। सोशल मीडिया से लेकर हर माध्यम पर ये मामला सुर्खियों में है, लेकिन जिला प्रशासन की कार्रवाई शून्य है। इससे क्षुब्ध गाडरवारा के सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरणविद कपिल साहू ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ यानी ईडब्ल्यूओ में भी शिकायत की है। जिसमें जिला खनिज अधिकारी पर आरोप लगाया गया है कि उनकी शह और मिलीभगत के कारण माफिया द्वारा अवैध खनन किया जा रहा है। सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचाई जा रही है।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ जबलपुर के पुलिस अधीक्षक नीरज सोनी को भेजी शिकायत में राज एक्सप्रेस में प्रकाशित खबरों को संलग्न कर कहा गया है कि 30 जून से 30 अक्टूबर तक जिले की नदियों से रेत का खनन पूर्णत: प्रतिबंधित है। बावजूद इसके जिला खनिज अधिकारी के संरक्षण में जिले की सभी स्वीकृत व अवैध खदानों से रेत का खनन बेरोकटोक जारी है। ये खदानें गाडरवारा तहसील के अंतर्गत संसारखेड़ा, महेश्वर, मुंआर, ढिगसरा, बारहाबड़ा, सालीचौका, छेनाकछार, शक्कर नदी, दुधी नदी के विभिन्न् घाटों में स्थित हैं। यहां पर बड़ी-बड़ी पोकलेन मशीन लगाकर अवैध खनन किया जा रहा है।
शिकायत में बताया गया है कि जिले की रेत खदानें धनलक्ष्मी कंपनी को आवंटित की गई है, लेकिन खनिज विभाग के संरक्षण के चलते कंपनी के कर्मचारी दिन-रात अवैध खनन करवा रहे हैं। खनिज अधिकारी को ये तक नहीं पता है कि प्रतिबंध अवधि के पूर्व तक जिले में कहां कितना रेत का स्टाक है। न ही वे इस बारे में पूछे जाने पर ही कोई जवाब देते हैं। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि खनिज अधिकारी पहले के रेत का स्टाक बताकर माफिया को अवैध खनन की खुली छूट दिए हुए हैं। इसमें कमीशनखोरी का खेल चल रहा है। शिकायत में इस बात का भी उल्लेख है कि रेत विक्रय के लिए बालाघाट जिले की रायल्टी पर्चियों का उपयोग भी हो रहा है। हाल ही में गाडरवारा पुलिस ने तीन ट्रक पकड़े थे, जिनके पास बालाघाट जिले की रॉयल्टी पर्ची थी, हैरत की बात ये है कि ये रेत सागर जिले में सप्लाई होना थी।

इनका ये है कहना
नरसिंहपुर के जिला खनिज अधिकारी रमेश पटेल के खिलाफ हमें अवैध खनन को बढ़ावा देने, सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचाने की शिकायत प्राप्त हुई है। आरोप बेहद गंभीर हैं, हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। यदि आरोप सही साबित होते हैं तो आरोपित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हमने जांच शुरू कर दी है।
नीरज सोनी, पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, जबलपुर।