न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हो मक्का की खरीदी, बंपर उत्पादन के बाद भी नहीं मिल रहे उपज के वाजिब दाम

किसान संघ समेत कांग्रेस ने की मांग

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 नरसिंहपुर। प्राकृतिक आपदा से जूझता जिले का किसान अब उपज के वाजिब दाम न मिलने से भी परेशान है। खासकर मक्का के बंपर उत्पादन के बावजूद किसानों को केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिल रहा है। गुरुवार को इस सिलसिले में किसान संघ समेत जिला कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
नृसिंह भवन में गुरुवार को मक्का के दामों को लेकर खासी हलचल देखने को मिली। सबसे पहले यहां पर किसानों ने पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर को दिया। ज्ञापन देने जिलेभर से पहुंचे करीब आधा सैकड़ा किसानों ने कहा कि सोयाबीन, उड़द और मक्का की फसलें इस बार खासतौर से बोई गईं थी। इसमें से मक्के की फसल को छोड़कर शेष सभी अतिवृष्टि और अल्पवृष्टि के चलते खराब हो गईं हैं। किसान अब मक्का की उचित दामों पर बिक्री पर ही निर्भर है। इससे प्राप्त होने वाली आय से ही वह आगामी फसलों की तैयारी कर पाएगा। किसानों ने कहा कि वर्तमान में मक्के का उचित मूल्य उन्हें नहीं मिल रहा है। इससे उनकी दिक्कतें कई गुना बढ़ गईं हैं। डीजल, बीज, खाद, कीटनाशक, कृषि उपकरण आदि में मूल्यवृद्धि से किसान का लागत मूल्य भी दोगुना से अधिक हो गया है। ज्ञापन में कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा मक्के का समर्थन मूल्य 1850 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। बावजूद इसके मंडियों में मक्का खरीदी की शुरुआती बोली 700 रुपये प्रति क्विंटल लगाई जा रही है। इस राशि से उनकी फसल लागत तक निकलना मुश्किल है। इन परिस्थितियोंं में सभी किसानों ने एकजुटता से मांग की कि उन्हें कम से कम 1850 रुपये प्रति क्विंटल की दर प्रदान की जाए। उन्होंने चेतावनी भी दी कि यदि मांगों पर 7 दिन के भीतर ठोस कार्रवाई नहीं होती है तो सभी किसान उग्र आंदोलन करने बाध्य होंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में नारायण दुबे, विनोद, रीतेश तिवारी, राजेश सिंह लोधी, सुरेश चौधरी, देवेंद्र पाठक, अनिल आदि की मौजूदगी रही।

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