नरसिंहपुर: कोरोना का कहर, बुधवार को शहर में 7 और सिंहपुर में 1 व्यक्ति की गई जान
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नरसिंहपुर। जिले में कोरोना संक्रमण का कहर जारी है। इसकी चपेट में बीमारों-इलाजरतों की जानें जाने का सिलसिला बरकरार है। मंगलवार को 14 मौतों के बाद बुधवार को भी 8 संक्रमित-संदिग्धों की जान चली गई। इनका अंतिम संस्कार जिला मुख्यालय के मुक्तिधाम व कब्रिस्तान में कराया गया। वहीं एक शव का क्रियाकर्म समीपस्थ सिंहपुर गांव में कोविड गाइडलाइन के अंतर्गत किया गया।
जिले में पिछले दस दिन पर नजर डालें तो कोविड-19 कोरोनावायरस के संक्रमित और संदिग्ध आधा दर्जन से अधिक पुरुष-महिलाओं की रोजाना ही जान गई है। इस साल का ये संक्रमण अपने भयावह रूप में है। इसके चलते भर्ती होने वाले मरीजों का ऑक्सीजन लेवल बेहद कम हो रहा है। उन्हें सांस लेने में अत्याधिक दिक्कतें हो रहीं हैं, जिसके चलते उनकी जान जान रही है। बुधवार को भी ये क्रम बरकरार रहा। जिला अस्पताल में भर्ती संक्रमित और संदिग्धों की एक के बाद एक 7 मौतें हुईं। इनमें से 6 मरीजों के शवों को नकटुआ स्थित मुक्तिधाम में नगरपालिका का विशेष वाहन सुबह से शाम तक पहुंचाता रहा। एक-एक का कोविड की गाइडलाइन के तहत स्वजनों की उपस्थिति में अमले द्वारा अंतिम संस्कार कराया गया। वहीं एक करेली के भगवारा निवासी संदिग्ध 65 वर्षीय मुस्लिम बुजुर्ग का अंतिम संस्कार नकटुआ स्थित कब्रिस्तान में कराया गया।
हाथ ठेले पर शव रख पहुंचाया मुक्तिधाम: जिले में 8वीं मौत जिला मुख्यालय के समीपस्थ गांव सिंहपुर में हुई। यहां महाजन परिवार के एक सदस्य का जबलपुर में कोरोना का इलाज चल रहा था। बताया गया कि उनके स्वस्थ होने पर स्वजन उन्हें मंगलवार को ही डिस्चार्ज कराकर गांव ले आए थे, लेकिन अचानक रात में स्वस्थ हुए मरीज को सांस लेने में दिक्कत हुई। उनका ऑक्सीजन लेवल अत्याधिक कम हो गया। स्वजन उन्हें जिला अस्पताल ले जा पाते, उसके पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। बुधवार को इनके शव को पीपीई किट में लपेटकर हाथठेले के माध्यम मुक्तिधाम पहुंचाया गया। जहां कोविड गाइडलाइन के अंतर्गत इनका अंतिम संस्कार किया गया।
मौत के आंकड़े को छिपाने की भरकस कोशिश: जिले में लगातार संक्रमितों व संदिग्धों की मौत हो रही है। बीते मंगलवार तो 14 मौतें हुईं। मुक्तिधाम में एक के बाद एक इनका दाह संस्कार हुआ। पल-पल की जानकारी दिनभर इंटरनेट मीडिया पर अपडेट होती रही। बावजूद इसके सरकारी स्तर पर इन मौतों को छिपाने की कोशिशें जारी रहीं। अब तक एक सप्ताह में जितने भी संदिग्धों की मौत हुई, उनकी रिपोर्ट क्या रही, इसे भी जिला प्रशासन ने उजागर नहीं किया। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार मौतों के आंकड़े को उच्चस्तर के आदेश पर ही उजागर नहीं किया जा रहा है।