Khabar Live 24 – Hindi News Portal

निजी अस्पतालों में सीटी स्कैन से पॉजिटिव गणना में शामिल नहीं, कोरोना से दो स्वास्थ्यकर्मियों की मौत, जारी नहीं हो रही रिपोर्ट रोज बढ़ रहे आधा सैकड़ा मरीज

 नरसिंहपुर। जिले में रोजाना आधा सैकड़ा से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। इसकी गवाही खुद जिला प्रशासन का स्वास्थ्य बुलेटिन दे रहा है, बावजूद इसके इनकी रिपोर्ट उजागर नहीं की जा रही है। इससे लोगों को ये पता ही नहीं चल पा रहा है कि किस मोहल्ले, वार्ड में कितने मरीज मिले हैं। वहीं नए संक्रमित भी इस प्रशासनिक अव्यवस्था का फायदा उठाकर खूब घूम-फिर रहे हैं। वहीं सोमवार-मंगलवार को जिला अस्पताल के दो कोरोना संक्रमित स्वास्थ्यकर्मियों की जबलपुर-भोपाल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस तरह जिले में अब-तक कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या 21 हो चुकी है।
जिला अस्पताल में पदस्थ दो स्वास्थ्यकर्मी सेवा के दौरान कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। हालांकि इनमें से एक व्यक्ति को हृदय संबंधी बीमारी थी तो दूसरा भी शुगर, ब्लडप्रेशर जैसे रोगों से ग्रस्त था। जानकारी के अनुसार स्वास्थ्यकर्मी मदन नेमा की स्थिति गंभीर होने पर उसे जबलपुर रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसी तरह जिला अस्पताल में ही कार्यरत ड्राइवर सीताराम का भी भोपाल के चिरायु अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन हालत बिगड़ने पर उन्होंने भी मंगलवार को अंतिम सांस ली। दो स्वास्थ्यकर्मियों के निधन की सूचना मिलने पर जिला अस्पताल समेत जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में हड़कंप की स्थिति देखने को मिली। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से स्वास्थ्य विभाग में संक्रमण तेजी से फैला है। करीब एक दर्जन से अधिक लोग संक्रमित होकर इलाज करा रहे हैं।
रिपोर्ट जारी करने में गोलमाल
एकतरफ जिले में कोरोना से लोग दम तोड़ रहे हैं। सर्दी-खांसी, बुखार से पीड़ित लोगों की कोविड सैंपलिंग भी सीमित संख्या में हो रही है। वहीं जिनकी सैंपलिंग हो चुकी है, उनकी रिपोर्ट जारी करने में सरकारी महकमा गोलमाल करने में जुटा है। इसका उदाहरण एक बार फिर 28 सितंबर को देखने मिला। इस दिन करीब 42 लोगों को सरकारी बुलेटिन में संक्रमित बताया गया लेकिन हैरत की बात ये रही कि कौन व्यक्ति कहां का रहने वाला है, ये रिपोर्ट जारी नहीं की गई। ये रिपोर्ट मंगलवार देर शाम जारी की गई लेकिन इसमें भी हेराफेरी कर सिर्फ 26 मरीजों की जानकारी दी गई। जबकि 29 सितंबर को आई रिपोर्ट में 12 लोगों को संक्रमित बताया गया।
संभागायुक्त, अपर सचिव के निर्देशों का पालन नहीं
जिले में कोरोना की वृद्धि दर वर्तमान में करीब 40 फीसद है। यह आंकड़ा प्रदेश के बाकी जिलों के मुकाबले कहीं अधिक है। वहीं पिछले दिनों संभागायुक्त महेशचंद्र चौधरी समेत प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मो. सुलेमान ने जिला प्रशासन के साथ बैठक लेकर अधिक से अधिक सैंपलिंग करने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों का पालन करने के विपरीत जिले में कोविड की सैंपलिंग ही घटा दी गई। जो पॉजिटिव मिल रहे हैं, अब तो उनकी जानकारी भी जारी नहीं की जा रही है। इसका असर ये है कि आम लोगों को पता ही नहीं चल रहा है कि कोरोना के जो मरीज बढ़ रहे हैं, वे कहां के रहने वाले हैं। वहीं जो संक्रमित घोषित हो रहे हैं, वे भी इस प्रशासनिक उदासीनता का फायदा उठाकर खुद को होम आइसोलेट करने के बजाय खुलेआम घूम रहे हैं। अपने घर के बाहर कोविड-19 कंटेनमेंट का परचा तक नहीं लगा रहे हैं।
एंटिजेन, ट्रूनेट टेस्ट की जानकारी नहीं
जिले के हर ब्लाक में एंटिजेन टेस्ट के लिए 10 दिन पहले ही करीब 1500 किट मंगाने का दावा किया गया था। एक-दो दिन एंटिजेन के आंकड़े जारी करने के बाद अब कितने एंटिजेन टेस्ट हुए, कितने संक्रमित मिले, इसकी भनक तक नहीं लगने दी जा रही है। वहीं गाडरवारा के सिविल अस्पताल में लगी ट्रूनेट मशीन की बात करें तो इससे पिछले करीब 15 दिन से टेस्ट रिपोर्ट नहीं मिल रही है। इसकी प्रमुख वजह ट्रूनेट मशीन की किट का जिले में अभाव होना है। वहीं आईसीएमआर के जरिए कितनी रिपोर्ट आ रही है, इसकी जानकारी से भी आम लोगों को दूर रखा जा रहा है।
सीटी स्कैन करने वाले आंकड़ेे शामिल नहीं

जिले में सरकारी अस्पतालों के माध्यम से हो रही विविध कोरोना जांचों के अलावा जिला मुख्यालय के निजी अस्पताल व लैब से रोजाना सैकड़ों लोग कोरोना जांच के लिए सीटी स्कैन करा रहे हैं। बताया जाता है कि इसमें प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक लोग संक्रमित मिल रहे हैं। हैरत की बात ये है कि यहां पर कोरोना पॉजिटिव मिलने वाले मरीजों की संख्या सरकारी स्तर पर जारी होने वाली गणना में शामिल ही नहीं है। जबकि कायदे इन संस्थानों को जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को संक्रमितों की जानकारी उपलब्ध कराना चाहिए।

इनका ये है कहना
निजी अस्पतालों, लैब द्वारा सीटी स्कैन के जरिए जिन लोगों को कोरोना रिपोर्ट दी जा रही है, उनके प्रबंधकों को जल्द ही हम पत्र लिखकर आंकड़े रोजाना उपलब्ध कराने कहेंगे। ताकि निजी स्तर पर होने वाली जांच रिपोर्ट को हम सरकारी गणना में शामिल कर सकें।
डॉ. पीसी आनंद, सीएमएचओ, नरसिंहपुर।