क्या है मामला
बुधवार की रात अवैध रूप से ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर जा रही रेत को लेकर ग्रामीणों व धनलक्ष्मी के कर्मचारियों का विवाद हो गया था। बाद में इसमें दोनों ओर से मारपीट हो गई। इसके बाद कुछ ग्रामीणों ने कंपनी की दो गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी। इसके बाद यहां पर भारी संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया गया। ग्रामीणों का आरोप था कि खनन कंपनी के कर्मचारियों ने गोली चलाकर दहशत फैलाई और उनके साथ मारपीट की। वहीं कंपनी कर्मचारियों ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि कुछ लोग उनकी घाटपिपरिया खदान से रेत चोरी कर रहे थे। इन्हें रोकने पर ग्रामीणों ने मारपीट शुरू कर दी, वाहनों में तोड़फोड़ की। प्रकरण की जांच गोटेगांव एसडीओपी पुरुषोत्तम मरावी व ठेमी थाना प्रभारी एसएल झारिया को दी गई। गुरुवार शाम को जांच उपरांत पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों पर मारपीट व तोड़फोड़ का अपराध कायम किया। पुलिस के अनुसार उन्हें गोली चलाने के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। यहां गौर करने वाली बात ये है कि अवैध रेत से भरे जिस ट्रैक्टर को लेकर विवाद की बात सामने आई उसे पुलिस ने जब्त नहीं किया है।
एसपी को ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन
घाटपिपरिया में अवैध रेत खनन के मामले में हुए विवाद के बाद कुछ ग्रामीण गुरुवार को एसपी विपुल श्रीवास्तव से मिले। उन्होंने शिकायत सौंपते हुए बताया कि शाम करीब 7 बजे धनलक्ष्मी द्वारा गांव के मंदिर के पास में गोलियों से फायरिंग की व खेत से लौट रहे तूफान पटेल को अगवा कर मारपीट करने लगे। यहां गौर करने वाली बात ये है कि बुधवार रात को ग्रामीण शुभम पटेल के अगुवा होने की बात कह रहे थे, इसके बाद मनोहर सिंह पटेल, एकम सिंह पटेल को भी मारपीटा। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेमी थाने में उन्होंने शिकायत की लेकिन पुलिस ने नहीं सुनी। कंप्यूटर खराब होने की बात कहकर भगा दिया। ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक को दो जले कारतूस भी सौंपे हैं। यहां गौर करने वाली बात ये है कि बुधवार रात को ग्रामीण शुभम पिता तूफान सिंह के अपहरण की बात कह रहे थे, लेकिन एसपी को सौंपी शिकायत में उन्होंने तूफान सिंह के अपहरण की बात कही।
इनका ये है कहना
थाने से ग्रामीणों को भगाने या कंप्यूटर खराब होने की बात पूरी तरह से गलत है। हम तो घटना के वक्त ही मौके पर पहुंच गए थे। फिलहाल दोनों पक्षों के खिलाफ मामला कायम किया गया है। जिस खदान की रेत को लेकर विवाद हुआ वह धनलक्ष्मी की थी। यहां से कुछ लोग रेत चोरी कर रहे थे, जिन्हें रोकने पर विवाद हुआ।
एसएल झारिया, थाना प्रभारी ठेमीघाटपिपरिया गांव में गोली चलने की बात पूरी तरह से निराधार है। ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। कंपनी कर्मचारियों द्वारा रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली को रोकने के चलते विवाद की स्थिति बनी थी। जो बाद में मारपीट में तब्दील हो गई। ग्रामीणों ने कंपनी की गाड़ियों में तोड़फोड़ की। शिकायत मिलने पर हमने दोनों पक्षों के आरोपियों पर अपराध पंजीबद्ध किया है। जहां तक बात चले हुए कारतूसों की है तो हम इसकी जांच करा रहे हैं कि ये कारतूस कहां से आए हैं।
विपुल श्रीवास्तव, एसपी, नरसिंहपुर।