नरसिंहपुर। गोटेगांव विधानसभा के धवई गांव में पौने दो करोड़ की लागत से स्वीकृत टैंक परियोजना के मामले में आरईएस विभाग ने अवैध रूप से सिर्फ स्थान ही नहीं बदला, बल्कि सांसदों-विधायकों को भी धोखा दिया है। गोटेगांव विधानसभा के अंतर्गत चीलाचौन में कराए गए अवैध तालाब निर्माण की डीपीआर में गलत तरीके से नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटैल और होशंगाबाद सांसद राव उदयप्रताप सिंह के नाम का जिक्र किया गया है। जबकि ये निर्माण गोटेगांव के पूर्व विधायक कैलाश जाटव, वर्तमान विधायक नर्मदा प्रसाद प्रजापति के अलावा मंडला संसदीय क्षेत्र के सांसद व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के प्रतिनिधि क्षेत्र में आता है। हैरत की बात ये है कि डीपीआर समेत निर्माण में अनाधिकृत रूप से की गई छेड़छाड़ के बारे में इन जनप्रतिनिधियों को 14 जून 2020 तक कुछ नहीं पता था। तय है कि ये निर्माण चोरी-छिपे सरकारी राशि में बंदरबांट करने के लिए कराया गया।
मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला
धवई टैंक परियोजना में डीपीआर में छेड़छाड़ कर स्थल परिवर्तन के अलावा सांसदों-विधायकों के नाम का गलत तरीके से उपयोग कर की गई धोखाधड़ी की खबर को खबरलाइव 24 ने प्रमुखता से छापा था। इसे गोटेगांव के पूर्व विधायक कैलाश जाटव ने रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचाया। श्री जाटव ने आरईएस विभाग के दोषी अधिकारियों-इंजीनियरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। पूरी परियोजना के निर्माण्ा की जांच करने का आग्रह किया है। श्री जाटव के अनुसार इस मामले मंे वे भ्रष्टाचार की हर कलई को खुलवाकर ही दम लेंगे। दोषियों को सजा दिलाने की कोशिश करेंगे।
नरसिंहपुर विधायक बोले-एफआईआर कराएंगे
गोटेगांव विधानसभा के अंतर्गत धवई प्रोजेक्ट की डीपीआर में अनाधिकृत रूप से अपना नाम शामिल करने पर नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटैल ने भी कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना रहा कि जिला प्रशासन के अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे हैं। धवई प्रोजेक्ट उनके निर्वाचन क्षेत्र का मामला ही नहीं है। यदि उनके नाम का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया है, तो वे कलेक्टर से इसकी जांच करने कहेंगे। दोषी विभागीय अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी।
होशंगाबाद सांसद बोले-मामले की जांच हो
धवई प्रोजेक्ट मामले में होशंगाबाद- नरसिंहपुर सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने भी साफतौर पर कहा कि यह उनकी संसदीय क्षेत्र का मामला नहीं है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ने किस आधार पर उनका नाम डीपीआर में शामिल कर दिया, यह जांच का विषय है। उन्होंने अपने नाम को शामिल किए जाने पर गंभीर आपत्ति भी जताई। साथ ही ये भी कहा कि डीपीआर में स्थल परिवर्तन का अधिकार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को था ही नहीं। इस मामले की गंभीरता से जांच कराने जिला प्रशासन के समक्ष बात रखेंगे।
आज कलेक्टर से लूंगा जानकारी
केंद्रीय मंत्री व सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि गोटेगांव मंडला संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। धवई टैंक परियोजना का स्थल ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ने बदल दिया है, यह बात उन्होंने मुझे कभी बताई ही नहीं। न ही डीपीआर के बारे में जानकारी दी गई। यदि डीपीआर में नरसिंहपुर विधायक व सांसद का नाम दिया है तो यह गलत है। आज (15 जून) को मैं नरसिंहपुर आ रहा हूं। कलेक्टर से इस बारे में पूरी जानकारी तलब करूंगा।