नरसिंहपुर। मुख्यमंत्री सरोवर योजना के तहत आदिवासियों के उत्थान के लिए गोटेगांव विधानसभा की धवई ग्राम पंचायत में स्वीकृत करीब पौने दो करोड़ का तालाब ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा गैर जरूरत वाली चीलाचौन पंचायत में बनवाया जा रहा है। इसका खुलासा इसी माह की 13 जून को किया। मामले में अब तक हुई जांच के अलावा 26 जून को जिला पंचायत सीईओ के औचक निरीक्षण ने भी इस बात की पुष्टि कर दी कि तालाब गलत जगह बनवाया जा रहा है। हालांकि इसका दोषी कौन है, इसका खुलासा फिलहाल नहीं हुआ है। जल्द ही इस संबंध में रिपोर्ट कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करने की बात कही जा रही है।
शुक्रवार को जिला पंचायत सीईओ कमलेश कुमार भार्गव के नेतृत्व में अतिरिक्त जिपं सीईओ, मनरेगा अधिकारी समेत राजस्व के अधिकारी, पटवारियों की टीम वाहनों से जब चीलाचौन खुर्द पंचायत में धवई के नाम पर बनाए गए तालाब स्थल पर पहुंचे तो आसपास के गांवों में हलचल मच गई। सभी इस बात को जानने के लिए आतुर थे कि आखिर यहां अधिकारियों का ये अमला क्यों पहुंचा है। चीलाचौन के कुछ लोग मौके प्रकरण को जानने पहुंचे भी। बताया जाता है कि यहां अधिकारियों की टीम ने तालाब निर्माण की गुणवत्ता से लेकर इसके वास्तविक स्थल की पड़ताल की। राजस्व टीम के माध्यम से तालाब की नपाई-तुलाई कराई गई। सीमांकन के रिकॉर्ड देखे गए। करीब डेढ़-दो घंटे तक अधिकारियों का दल तालाब निर्माण के डिजाइन, ले-आउट का मुआयना करते रहे। अंत में उन्होंने यही निष्कर्ष मिला कि तालाब परियोजना धवई टैंक के लिए ही स्वीकृत थी, लेकिन इसे चीलाचौन पंचायत में बनाया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान धवई पंचायत के सरपंच को भी बुलाया गया था, लेकिन वे अन्यत्र होने के कारण मौका स्थल पर नहीं पहुंच सके।
मनरेगा अधिकारी ने भी ली जानकारी
धवई टैंक परियोजना के नाम पर चीलाचौन खुर्द में बनवाए जा रहे तालाब निर्माण में कितने आदिवासियों को काम दिया गया है। इसकी भी पड़ताल की गई। जांच दल में शामिल मनरेगा की अधिकारी रितु तिवारी ने निर्माण एजेंसी से जुड़े लोगों से बातचीत की। वे भी इस मामले में जल्द रिपोर्ट पेश करेंगी। गौरतलब है कि इस तालाब की मूल डीपीआर में इस बात का स्पष्ट रूप से जिक्र किया गया है कि तालाब निर्माण के दौरान शत-प्रतिशत स्थानीय आदिवासियों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा। जबकि हकीकत ये है कि इस तालाब में आदिवासियों को रोजगार देने की बात तो दूर धवई के लोगों को पता ही नहीं है कि चीलाचौन में बना ये तालाब दरअसल, उनके लिए स्वीकृत किया गया था।
अफसर आए पर बताया कुछ नहीं
चीलाचौन खुर्द में अवैध रूप से ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा बनवाए गए तालाब के बारे में धवई पंचायत के सरपंच महेश कुमार ठाकुर को भी कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इसका खुलासा उन्होंने खबरलाइव 24 से बातचीत में किया। सरपंच ठाकुर के अनुसार तालाब निर्माण के पहले ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अधिकारी उनके गांव में आए जरूर थे, यहां उन्होंने जमीन की नपाई तुलाई भी कराई थी, लेकिन उन्हें ये नहीं बताया कि धवई के लिए यहां सरकार ने तालाब स्वीकृत किया है। नपाई-तुलाई का ये सिलसिला करीब तीन-चार बार चला। इसके बाद धवई व चीलाचौन के बीच जमीन की नपाई कराई। बाद में अचानक इसका निर्माण चीलाचौन खुर्द में करा दिया गया। ये पूछने पर कि कभी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अफसरों से गांव के लोगों से बातचीत की थी, तो उनका कहना था कि जब उन्हें ही नहीं बताया तो गांववालों से पूछने की बात ही गलत है।
निर्माण स्थल से करीब दो-तीन किमी दूर है धवई
चीलाचौन में जिस जगह तालाब बनाया गया है वहां से धवई गांव की दूरी करीब दो-तीन किमी है। सरपंच महेश कुमार ठाकुर के अनुसार तालाब के पास नाले से लगकर धवई के कुछ लोगों की पट्टे पर जमीन है। इनमें से कुछ ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण भी किया हुआ है। तालाब से इन पट्टाधारी किसानों के खेत की दूरी भी करीब 300 फुट है। हालांकि इन किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए नहर समेत नाले का पानी उपलब्ध रहता है। इसलिए इन्हें तालाब की उतनी जरूरत नहीं है। वहीं निजी स्वामित्व की जमीन वाले आदिवासी किसानों के खेत तालाब से दूर हैं। इन तक तालाब का पानी पहुंचाना फिलहाल मुश्किल है। इस तालाब की जरूरत सर्वाधिक ऐसे ही आदिवासी किसानों के लिए है।
आरईएस सौंप चुका है प्रतिवेदन
धवई टैंक परियोजना का तालाब मूल स्वीकृत स्थल के बजाय चीलाचौन में बनाए जाने को लेकर कलेक्टर वेदप्रकाश ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा यानी आरईएस के मुख्य कार्यपालन यंत्री केएस मालवीय को जांच करने कहा था। श्री मालवीय ने पिछले दिनों इसकी जांच-पड़ताल कर अपना प्रतिवेदन बीती 16 जून को कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ को सौंप दिया है। इस प्रतिवेदन में भी खबरलाइव 24 द्वारा किए गए खुलासे पर मुहर लगाई गई है कि तालाब डीपीआर के विपरीत धवई ग्राम पंचायत के बजाय चीलाचौन खुर्द में कराया गया है।
इनका ये है कहना
जिला पंचायत के अधिकारियों, इंजीनियरों, राजस्व अमले के साथ हम शुक्रवार को चीलाचौन खुर्द में बनाए गए तालाब की जांच करने पहुंचे थे। निश्चित रूप से ये तालाब धवई में बनना था, लेकिन इसे चीलाचौन में बनाया गया है। हमने विभिन्न् बिंदुओं पर जांच कर जानकारी जुटाई है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी जाएगी। तालाब निर्माण के लिए स्थान परिवर्तन किसके द्वारा किया गया है, इसकी पड़ताल जारी है।
कमलेश कुमार भार्गव, जिला पंचायत सीईओ, नरसिंहपुर।