नरसिंहपुर। कोरोना का संक्रमण ये नहीं देख रहा कि आपकी जात क्या है, आप किस ओहदे पर हो। गरीब हो या फिर अमीर।इन दिनों भर्ती मरीजों का इलाज यहां ड्यूटी पर तैनात नर्स मुस्तैदी के साथ इलाज कर रही हैं। यहां भर्ती निराशा से भरे मरीजों में ये स्टाफ नर्स अपनी ममतामयी छांव में जीवन जीने का पैदा करने के साथ उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा रहीं हैं। समय पर दवा देने के साथ-साथ वे 24 घंटे मरीजों की हर जरूरत का ये ध्यान भी रख रहीं हैं।
जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसके चलते जिला अस्पताल के आइसीयू, आक्सीजन बेड व सस्पेक्टेड वार्ड में करीब 200 मरीज इलाज करा रहे हैं। कुछ की हालत बेहद गंभीर भी है। इनमें से अधिकांश मरीज ऐसे हैं जो अपनी बीमारी को लेकर बेहद चिंतित भी हैं। वे बेहद घबराए हुए भी हैं। ऐसे में इनकी देखभाल के लिए नियुक्त ये स्टाफ नर्सें उन्हें दवा देने के साथ-साथ उनसे बातचीत कर उनका हौसलाफजाई भी करती हैं। समय-समय पर उनका हालचाल जाकर उनकी जरूरतें पूछती हैं। वे अवसादग्रस्त न हो सकें इसके लिए हंसी-ठिठोली भी कर लेती हैं। इसका नतीजा ये है कि आइसीयू, आक्सीजन बेड में भर्ती मरीज भी इन नर्सों के सेवाभाव के चलते खुद को अधिक से अधिक सकारात्मक रखने की कोशिश करते हैं। इन नर्सों को चाहे वे किसी भी शिफ्ट में कार्यरत हों, उन्हें पता होता है कि किस मरीज को कब कौन सी दवा देनी है। सुबह निस्तार कराने से लेकर मरीजों को चाय-नाश्ता, भोजन समय पर दिलाने तक की ये जिम्मेदारी ये बखूबी निभा रहीं हैं।
तीनों शिफ्ट में ये दे रहीं सेवाएं: जिला अस्पताल के आइसीयू, आक्सीजन बिस्तर व संदिग्ध वार्डों में भर्ती मरीजों की देखभाल करने के लिए नर्सें दिन-रात की तीन शिफ्टों में बारी-बारी से सेवाएं दे रहीं हैं। इन वार्डों में 36 स्टाफ नर्सें कार्यरत हैं। सीनियर स्टाफ नर्स अंजना रैकवार के मार्गदर्शन में अंजना बेक, प्रीति पनिका, अंबिका मरावी, ममता गुर्दे, पूजा जाटव, श्वेता बोपचे, उर्मिला डोंगरे, वर्षा कनोजिया, रुचि ठाकुर, रवीना धुर्वे, भावना यादव, एकता नागेश, नम्रता परते, किरण बोपचे, रेशमा हक, मीना जाट, संध्या कटारे, ज्योति साहू, साधना हानूमत, ज्योति मेहरा, रेखा, श्वेता, वर्षा हेडाऊ, रंजीता लूरेले, सुचिता सोनी, राजुल, प्रिया, लता, आकृति, अर्चना, देवनंदनी, नितिशा, रुकमणी, भूमि, अंजना लोधी कार्यरत हैं।
खुद भी संक्रमित, लेकिन सेवा का जज्जा बरकरार: जिला अस्पताल में कोविड मरीजों की सेवा के दौरान दो दर्जन से अधिक चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। संक्रमित होने का सिलसिला बरकरार भी है लेकिन वार्डों में तैनात नर्सिंग स्टाफ में सेवा का जज्बा बिल्कुल भी कम नहीं हुआ है। वार्डों के अंदर पीपीई किट पहने ये नर्सें मुस्तैदी से अपनी सेवाएं दे रहीं हैं। सेवा के दौरान कई बार उन्हें मरीजों के गुस्से से भी रूबरू होना पड़ता है लेकिन ये नर्सें अपनी मुस्कुराहटों से उनकी नाराजगी को दूर कर देती हैं। कई बार तो ऐसे भी वाक्ये होते हैं जब किसी प्राथमिक कक्षा शिक्षिका की तरह ये नर्सें मरीजों को बनावटी गुस्सा भी दिखाती हों। हालांकि इसके बाद भी कुछ मरीज और उनके स्वजन ऐसे भी हैं जो विवाद करने से बाज नहीं आते। बावजूद इसके ये नर्सिंग स्टाफ ड्यूटी पूरी होने के बाद ऐसे वाक्यातों को भूलकर अगले दिन की सेवा गतिविधि के लिए खुद को तैयार कर लेता है।
तहसीलों में नहीं कर रहे भर्ती, जिला अस्पताल में क्षमता से अधिक मरीज
जिले में सक्रिय कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा एक हजार के आंकड़े के करीब है। बीते शनिवार को ही 214 मरीज सामने आए। ये दूसरा अवसर है जब किसी एक दिन में संक्रमितों का आंकड़ा दो सैकड़ा के पार गया हो। इन मरीजों में करेली, गोटेगांव, तेंदूखेड़ा, गाडरवारा आदि सभी तहसीलों के मरीज शामिल हैं। इन तहसीलों में जिला प्रशासन द्वारा कोविड केयर सेंटर भी बनाए हैं लेकिन पिछले एक हफ्ते से ये बात देखने में आई है कि इन कोविड सेंटरों में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। मरीजों जिला अस्पताल भेजने पर संबंधित सेंटरों के प्रभारियों का अधिक जोर रहता है। इसका नतीजा ये है कि जिला अस्पताल में जितने बिस्तर हैं उससे कहीं अधिक मरीज भर्ती हैं। ऐसे में यहां की व्यवस्थाओं, सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ना तय है। हालात ये हो चले हैं कि जिला अस्पताल के संदिग्ध वार्ड में तय 26 बिस्तर तो भरे ही हैं, साथ ही यहां की फर्श पर पैर रखने तक की भी जगह नहीं है। ये स्थिति तब है जब जिला अस्पताल में 50 नए बिस्तर बिछवाए गए हैं।