8 डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस, कलेक्टर ने किया जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण
नरसिंहपुर. कलेक्टर रोहित सिंह ने चौधरी शंकर लाल दुबे शासकीय जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण बुधवार को दोपहर में किया। निरीक्षण के दौरान ड्यूटी से अनुपस्थित मिले 8 डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश कलेक्टर ने दिये। अनुपस्थित डॉक्टरों में डॉ. साधना पटैल, डॉ. शोभना, डॉ. हिमांशु पठारिया, डॉ. प्रणव सेन, डॉ. नवनीत जैन, डॉ. अमित चौकसे, डॉ. राहुल नेमा, डॉ. एसके निगम, ब्लड बैंक एवं पैथॉलाजी लैब की प्रभारी डॉ. प्रियंका नेमा शामिल हैं। कलेक्टर ने सिविल सर्जन का प्रभार डॉ. मुकेश जैन को देने के लिए निर्देशित किया।
विदित है कि पूर्व में भी मिली इस प्रकार की शिकायतों पर कलेक्टर श्री सिंह ने संज्ञान लेकर जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया था।
निरीक्षण के दौरान सीईओ जिला पंचायत डॉ. सौरभ संजय सोनवणे, सीएमएचओ डॉ. एके जैन, प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. मुकेश जैन, अन्य चिकित्सक एवं चिकित्सा स्टाफ मौजूद था।
चिकित्सकों की उपस्थिति की जानकारी हो सूचना पटल पर
कलेक्टर ने जिला चिकित्सालय में टोल फ्री नम्बर वाला टेलीफोन स्थापित करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने स्थान की कमी को देखते हुए बच्चों के आईसीयू को दूसरी मंजिल पर स्थापित करने के निर्देश दिये। श्री सिंह ने निर्देशित किया कि जिला चिकित्सालय में सभी डॉक्टरों की उपस्थिति से संबंधित जानकारी सूचना पटल पर दर्शाने के निर्देश दिये। उन्होंने सीटी स्कैन मशीन के माध्यम से उपलब्ध सुविधाओं एवं संबंधित डॉक्टर के नाम का प्रदर्शन भी सूचना पटल पर करने के लिए निर्देशित किया।
ब्लड बैंक प्रभारी को नोटिस
निरीक्षण के दौरान दीपा पटैल ने अस्पताल में एक्स- रे नहीं होने की शिकायत की। इस पर कलेक्टर ने जांच कर दोषी कर्मचारी के विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिये। ब्लड बैंक के निरीक्षण के दौरान बाहर प्रदर्शित बोर्ड में एवं ब्लड बैंक में रखे ब्लड स्टाक में अंतर पाये जाने पर कलेक्टर ने ब्लड बैंक की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को भी कारण बताओ नोटिस जारी करने की हिदायत दी। कलेक्टर ने कहा कि ब्लड के स्टाक का सत्यापन दिन में दो बार किया जाये। किसी भी मरीज को ब्लड के लिए परेशानी नहीं उठाना पड़े।
भोजन की गुणवत्ता से नहीं हो कोई समझौता
निरीक्षण के दौरान मरीजों को दिये जाने वाले भोजन का परीक्षण किया गया। उपयुक्त गुणवत्ता नहीं पाये जाने पर भोजन बनाने वाले को नोटिस देने के निर्देश कलेक्टर ने दिये। उन्होंने कहा कि भोजन की गुणवत्ता का नियमित रूप से परीक्षण किया जाये। भोजन की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिये। कलेक्टर ने बंद दीनदयाल रसोई का संचालन फिर से शुरू करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला चिकित्सालय की केन्टीन का संचालन स्वसहायता को देने के लिए निर्देशित किया।
तत्काल दिया गया दिव्यांगता प्रमाण पत्र
भ्रमण के दौरान दिव्यांग महिला गोमती बाई ने दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने की बात कलेक्टर श्री सिंह से कही। इस पर कलेक्टर के निर्देश पर तत्परता से दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाकर गोमती बाई को प्रदान किया गया।