नरसिंहपुर: कोरोना का चकमा देकर मोस्ट वांटेड सूदखोर आशीष नेमा फरार, परिचितों को उठाएगी पुलिस

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नरसिंहपुर। सूदखोरों की प्रताड़ना से खुदकुशी करने वाले डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ मामले में मोस्ट वांटेड आशीष नेमा पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया है। तीन दिन पहले तक पुलिस को बताया गया था कि आशीष कोरोना संक्रमित है और वह जबलपुर के किसी अस्पताल में इलाज करा रहा है। वहीं ताजा जानकारी ये है कि ये मोस्ट वांटेड आरोपित ढूंढे नहीं मिल रहा है। पुलिस उसकी तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है। उसका मोबाइल भी तीन दिन से स्विच ऑफ आ रहा है। आशीष नेमा को पकड़ने के लिए पुलिस अब उसके परिचितों, रिश्तेदारों को दबोचने की तैयारी में है।
बीती 22 अप्रेल की शाम करेली मार्ग स्थित टट्टा पुल के पास रेल ट्रेक पर ट्रेन से कटकर जान देने वाले डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ के मामले में पुलिस को उनके द्वारा लिखित एक डायरी प्राप्त हुई थी। इसमें उन्होंने आत्महत्या का कारण सूदखोरों की प्रताड़ना बताया था। डायरी में लेनदेन के तौर-तरीकों, कुल किए गए भुगतानों के अलावा करीब 20 सूदखोरों के नाम लिखे थे, जिन्होंने 120 फीसद तक ब्याज की वसूली कर पांच करोड़ रुपये से अधिक की अवैध वसूली की थी। खबरलाइव 24 ने इस मुद्दे को प्रमुखता से जब उठाया तो पुलिस भी सक्रिय होकर तेजी से जांच करने लगी। अंतत: 7 सूदखोरों के खिलाफ पुलिस ने आत्महत्या के लिए प्रेरित करने समेत सूदखोरी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था। मामले में सुनील जाट, अजय उर्फ पप्पू जाट और भग्गी यादव को तत्काल गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायालय में पेश किया था, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। इनकी जमानत अर्जी भी स्थानीय न्यायालय से निरस्त हो चुकी है। वहीं चार आरोपी आशीष नेमा, सौरभ रिछारिया, धर्मेंद्र जाट और राहुल जैन की गिरफ्तारी होना शेष है।
तकनीक का सहारा ले रही पुलिस: थाना कोतवाली पुलिस की अब तक हुई जांच में ये बात सामने आई है कि डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ को बड़े सूदखोरों के चंगुल में फंसवाने में आशीष नेमा की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका थी। इसी ने डॉ. सिद्धार्थ से दोस्ती बढ़ाई फिर उनके साथ विश्वासघात कर उन्हें कर्जे में डुबो दिया। जब तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी, तब पुलिस को ये जानकारी दी गई कि आशीष जबलपुर में कहीं कोरोना का इलाज करा रहा है। हालांकि जब पुलिस ने इस तक पहुंचने की कोशिश की तो पता चल रहा है कि वह जबलपुर में भी नहीं है, उसने अपना मोबाइल नंबर भी बंद कर रखा है। पुलिस आशीष की गिरफ्तारी को बेहद अहम मान रही है, उसके अनुसार इससे ही डायरी की अनसुलझी गुत्थियों को सुलझाने में मदद मिल सकेगी। आशीष नेमा समेत शेष आरोपी सौरभ रिछारिया, धर्मेंद्र जाट व राहुल जैन की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक ने विशेष टीमों का गठन किया है, जो कि संदेह के आधार पर विभिन्न् जगहों पर छापामारी भी कर रही है। मोबाइल ट्रेसिंग के लिए तकनीक आदि का सहारा भी लिया जा रहा है। हालांकि अब तक इसमें पुलिस को सफलता नहीं मिल सकी है।
इनका ये है कहना
सूदखोरी के मामले में जिन 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा कायम हुआ है, उनमें आशीष नेमा मोस्ट वांटेड है। इसका मोबाइल बंद बता रहा है, इसकी तलाश के लिए विशेष टीमें लगी हुईं हैं। अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। डायरी में अन्य जिन सूदखोरों के नाम हैं, उन्हें भी जल्द पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा, जांच अभी जारी है।
उमेश दुबे, कोतवाली थाना प्रभारी, नरसिंहपुर।
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