नरसिंहपुर। युवक कांग्रेस के लोकप्रिय नेता रहे और पेशे से दंत चिकित्सक 41 वर्षीय डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ सूदखोरों के चंगुल में फंसकर बीती 22 अप्रेल को ट्रेन के सामने अपनी जान दे चुके हैं। इस मामले में मृत्युपूर्व बयान आने के 10 दिन बाद भी जहां पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं की है तो वहीं सबसे हैरत वाली बात कांग्रेस नेताओं की चुप्पी है। शहर से लेकर जिले के तमाम कांग्रेसी इस मामले से कन्न्ी काटते नजर आ रहे हैं, वे सूदखोरों का नाम जानने के बावजूद अपनी पार्टी के युवा नेता-कार्यकर्ता को इंसाफ दिलाने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे हैं। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की इस संदिग्ध चुप्पी से कार्यकर्ताओं में रोष भी दिखने लगा है। वाट्सएप के हल्ला बोल ग्रुप समेत अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्मों पर तो कई युवा नेता अपने वरिष्ठों के खिलाफ खीज भी निकाल रहे हैं। कांग्रेस नेताओं के सूदखोरों से नजदीकी संबंध होने तक के आरोप अब खुलेआम लगने लगे हैं।
नरसिंहपुर: डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ की मौत के जिम्मेदार सूदखोरों के खिलाफ कार्रवाई कराने कांग्रेस नहीं जुटा पा रही हिम्मत
डॉक्टर सिद्धार्थ तिगनाथ को सूदखोरों ने जिस तरह से लूटा-बर्बाद किया उससे साफ हो गया है कि जिले में माफिया और पुलिस की जमकर सांठगांठ है। जिले में अवैध गोरखधंधे जमकर फल-फूल रहे हैं। वहीं विपक्षी दल कांग्रेस की करें तो प्रदेश स्तर पर भले ही ये सत्ता में न हों लेकिन जिले की चार में से तीन विधानसभा सीटों पर इनके विधायक पदारूढ़ हैं। बावजूद इसके अपनी पार्टी के युवा नेता के साथ हुई लूटपाट और उसकी मौत के जिम्मेदार सूदखोरों पर कार्रवाई की मांग करने कांग्रेस के पदाधिकारियों के मुंह से एक शब्द भी अब तक नहीं फूटा है। इस तरह की रहस्यमयी चुप्पी ये दर्शा रही है कि कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है। हालांकि कार्यकर्ता भी अब सवालिया मुद्रा में है कि आखिर-कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सूदखोरों पर इतने मेहरबान क्यों।
प्रदेशस्तरीय नेताओं ने भी साधी चुप्पी
डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ को इंसाफ दिलाने के लिए उनके परिजन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, सुरेश पचौरी तक से पत्र, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से मार्मिक अपील कर चुके हैं। बावजूद इसके नेताओं ने इस मामले से फिलहाल खुद को दूर रखा है। हैशटैग जस्टिस फॉर डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ के नाम से उनके बहनोई डॉ. अजय शुक्ला ने तो फेसबुक पर मोर्चा खोल रखा है। इसमें उन्होंने सारे सबूत उजागर कर दिए हैं लेकिन कांग्रेस के नेता इसे अनदेखा कर गए।