नरसिंहपुर। सूदखोरों की प्रताड़ना से त्रस्त होकर अपना जीवन समाप्त करने वाले युवा चिकित्सक और समाजसेवी 41 वर्षीय सिद्धार्थ तिगनाथ के मामले में जांच जारी है। पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव के नेतृत्व और एएसपी सुनील शिवहरे के मार्गदर्शन में विवेचना अधिकारी सूदखोरी के जरिये की गई लूटपाट और अन्य दोषियों की पहचान कर रही है। 7 लोगों के खिलाफ हुई एफआईआर, गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब तीन साल पुराने सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। ये वे फुटेज हैं जिसमे सूदखोरों ने शहर स्थित सिद्धार्थ के घर रेवाश्री में पत्थर फेंके थे, हंगामा मचाया था। वहीं दूसरी तरह सिद्धार्थ की डायरी में जितने नाम हैं उन सबकी जांच के लिए प्रदेश का गृह मंत्रालय भी सक्रिय हो गया है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मातहत अधिकारियों को पूरे मामले की जल्द जांच पूरी कर सभी दोषियों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध करने के निर्देश जारी किए हैं।
सिद्धार्थ आत्महत्या कांड में अब तक 7 में से 3 आरोपी सूदखोर जेल भेजे जा चुके हैं। 2 फरार और 2 कोविड क कारण गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इनकी गिरफ्तारियां हो जाएंगी। वहीं जांच टीम अब वर्ष 2018 में तिगनाथ परिवार द्वारा मई-जून की 4 अलग-अलग तिथियों में की गई शिकायत और सौंपे गए सबूतों का परीक्षण कर रही है। पुलिस इन सबूतों को इसलिए अहम मान रही है क्योंकि इसके जरिये लेनदेन के लिए प्रताड़ना की पुष्टि करना आसान हो जाएगा। पुलिस अधिकारी के अनुसार सिद्धार्थ के जितने चेक इन सूदखोरों ने कैश कराए या बेचे सबकी डिटेल निकलवाई जा रही है। इसमें थोड़ा वक्त जरूर लग सकता है।