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नरसिंहपुर: डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ की महिंद्रा फर्स्ट एजेंसी से इन सूदखोरों ने हड़प ली दस से अधिक कार 

डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ के जीवित अवस्था का चित्र।

नरसिंहपुर। सूदखोरों की प्रताड़ना के कारण ट्रेन से कटकर जान देने वाले डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ ने अपने जीवित रहने के दौरान सेकंड हैंड कारों को बेचने महिंद्रा फर्स्ट च्वाइस नाम की एजेंसी खोली थी। इस एजेंसी में दस से अधिक कारें मंगवाई गईं थीं लेकिन इन्हें भी सूदखोर हड़प कर गए। ब्लैंक चेक पर मनमानी राशि लिखकर उसे कैश कराने की धमकी देकर सूदखोरों ने इन कारों को अपने नाम कर लिया।

ये सनसनीखेज आरोप रिश्ते के बहनोई और हैशटैग जस्टिस फॉर डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ की मुहिम चला रहे रीवा निवासी डॉ. अजय शुक्ला ने लगाए हैं। उन्होंने बताया कि डॉ. सिद्धार्थ की महिंद्रा फर्स्ट च्वाइस दस से ज्यादा सेकंड हैंड गाड़ियां थीं, जिसे सूदखोरों ने अपने-अपने नाम कर लिया। एजेंसी की गाड़ियां उठाकर वे अपने-अपने घरों में ले गए। डॉ. शुक्ला का कहना है कि अधिकांश गाड़ियां किसी जगमोहन जाट के घर में खड़ी हैं। फरार चल रहे मोस्ट वांटेड आशीष नेमा ने हैचबेक कार व जगमोहन ने एसयूवी कार की सिद्धार्थ से ठगी की है। परिजन ने जेल में बंद सुनील जाट, भग्गी यादव, अजय उर्फ पप्पू जाट, फरार चल रहे धर्मेंद्र जाट, राहुल जैन के अलावा करीब 20 लोगों के नाम भी बताए हैं जिन्होंने कारों से लेकर जमीन हड़पने तक में सिद्धार्थ को शारीरिक-मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। डॉ. अजय शुक्ला के अनुसार कार के कारोबार में सिद्धार्थ ने करीब 50 लाख रुपये लगाए थे, लेकिन सूदखोरों के कारण सब कुछ उनसे लुट गया।
इन लोगों पर सूदखोरी, वाहन आदि हड़पने का आरोप
डॉ. अजय शुक्ला ने खबर लाइव को भेजी जानकारी के अनुसार जिन 7 लोगों पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज हो चुका है, उनके अलावा कई और नाम भी बताए हैं, जिन्होंने मनमाना ब्याज वसूलने के लिए वाहन, जमीन आदि तक डॉ. सिद्धार्थ से छीन ली थी। इनमें कुंजीलाल यादव, अजगर खान, कल्लू, जानू जाट, अजीत ठाकुर, दरखपुरी,  सुरेश यादव, संटी ढिमोले, रोहित ऊमरे, शिवानी पटेल किलेदार, रानू दुबे, राबु दुबेू, गौरव विश्वकर्मा, देवेंद्र लोधी, गिरी महाराज, जग्गू जाट, रमेश काछी, विनोद मेहरा के अलावा तीन-चार अन्य लोग भी शामिल हैं।
नकली कागज पर बेची जमीन: डॉ. अजय शुक्ला ने बताया कि डॉ. सिद्धार्थ ने अपनी डायरी में नकली कागज पर उनकी जमीन बेचने का भी जिक्र किया है। इस डायरी में रानू दुबे और आत्महत्या मामले में आरोपी बनाए गए राहुल जैन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। स्वजन के अनुसार इन दोनों ने नकली कागज पर जरजोला स्थित सिद्धार्थ की जमीन बेच दी थी।
पुलिस कह रही-ढूंढे नहीं मिल रहे फरार आरोपी: डॉ. सिद्धार्थ तिगनाथ आत्महत्या के मामले में कोतवाली थाना पुलिस ने 7 सूदखोरों को आरोपित बनाया है, जबकि चार आरोपित फरार बताए जा रहे हैं। जो फरार चल रहे हैं उनमें आशीष नेमा, धर्मेंद्र जाट, राहुल जैन व एक अन्य का नाम प्रमुख है। पुलिस का दावा है कि इन आरोपितों को पकड़ने के लिए विशेष टीमें उनके घरों में दबिश दे रहीं हैं लेकिन वे ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। वहीं हकीकत ये है कि शहर में फरार आरोपितों में से कुछ तो बेफिक्री से घरों-मोहल्लों में घूमते देखे जा रहे हैं। शहर के समीपी गांव खैरी निवासी आरोपित धर्मेंद्र जाट के बारे में बताया जा रहा है कि वह दिन में अपने खेत पर रहता है, जबकि शाम को वह गांव वापस आकर घर में समय काट रहा है। बहुत से ग्रामीणों ने इसकी पुष्टि भी है। वहीं पुलिस जिसे मोस्ट वांटेड कह रही है उस आशीष नेमा के बारे में भी पुलिस अब तक पता नहीं लगा पाई है, जबकि स्थानीय लोग उसके शहर में ही होने की बात कह रहे हैं।
इनका ये है कहना
डॉ. सिद्धार्थ के स्वजन से हमने उनकी एजेंसी में दर्ज गाड़ियों के नंबर मांगे हैं, जैसे ही मिल जाएंगे, हमारी जांच सुलभ हो जाएगी। जिन जमीनों का गलत तरीके से सौदा हुआ है, उसकी भी पड़ताल की जा रही है। वहीं फरार आरोपितों की धरपकड़ के लिए हमारी टीम सिविल ड्रेस में उनके घरों पर नजर रख रही है। आरोपित यदि शहर में ही हैं तो उनकी जल्द गिरफ्तारी कर ली जाएगी। 
जीतेंद्र गढ़ेवाल, विवेचना अधिकारी, थाना कोतवाली, नरसिंहपुर।