जिले में कोविड- 19 कोरोना वायरस से निपटने के लिए गठित जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बुधवार को सम्पन्न हुई।
बैठक में मौजूद आमंत्रित अतिथियों द्वारा अवगत कराया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में साग- सब्जी आदि की समस्या तो नहीं किंतु किराना सामग्री की आवश्यकता है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को निर्धारित कर उन्हें किराना सामग्री की किट प्रदान की जा सकती है। ग्रामवासी अपने परिवार के लिए आवश्यक सामग्री की सूची ग्राम पंचायत को प्रदान कर सामग्री प्राप्त कर सकता है। इस प्रकार की व्यवस्था कालाबाजारी की प्रवृष्टि पर अंकुश लगाने सार्थक साबित होगी।
सदन में यह भी अवगत कराया गया कि ग्रामों में अभी तक सैनिटाइजेशन नहीं किया गया है। इसकी व्यवस्था ग्राम पंचायतों में करना चाहिये। राशन की दुकान में बायोमैट्रिक प्रणाली की जगह मैन्युल पद्धति का इस्तेमाल किया जाये। हितग्राहियों को पेंशन वितरण करने वाले बैंकिंग कारस्पोडेंट द्वारा वितरण की रोजाना मॉनीटरिंग की जाये। कलेक्टर ने बताया कि सैनिटाइजेशन के लिए कुछ लोग कीटनाशक आदि का प्रयोग कर रहे हैं। आईसीएमआर एवं डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार इनका प्रयोग मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। पीडीएस के लिए बायोमैट्रिक व्यवस्था के निर्देश शासन स्तर से प्राप्त हुये हैं। इसमें सैनिटाइजेशन का इस्तेमाल करके ही संचालन हो रहा है। बैंकों द्वारा भी कुछ ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिसमें खाताधारक द्वारा दिये गये नम्बर पर मिस कॉल करने मात्र से उसके अकाउंट की सारी जानकारी एसएमएस के माध्यम से प्राप्त हो जायेगी। राशन वितरण के दौरान युवा वर्ग ही घर से आये। बुजुर्ग एवं महिलाओं को राशन के लिए नहीं भेजें।
बैठक में जनपद अध्यक्ष चीचली मुकेश मरैया, सीईओ जिला पंचायत केके भार्गव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनयू खान, कार्यपालन यंत्री लोनिवि श्री आदित्य सोनी, सीएमओ नगर पालिका केएस ठाकुर, पत्रकार जितेन्द्र गुप्ता व आलोक सिंह, विवेक रेजा सहित अन्य अधिकारी और सदस्यगण मौजूद थे।