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ट्रैवल हिस्ट्री तय करेगी नरसिंहपुर में कौन होगा सरकारी या होम कोरन्टाइन

प्रतीकात्मक चित्र

नरसिंहपुर। संक्रमित जिलों से घिरे नरसिंहपुर के चेकपोस्टों से देश-प्रदेश के अन्य जिलों से इ पास के जरिये नरसिंहपुर में प्रवेश लेने वाले लोगों को सरकारी कोरन्टाइन किया जाएगा या फिर होम कोरन्टाइन ये फैसला चिकित्सा जांच और ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर तय होगा। इस आशय की गाइडलाइन को जिला प्रशासन ने पुनः स्पष्ट कर दिया है।

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कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इ पास के आधार पर प्रवेश करने वाले समस्त व्यक्तियों को बिना किसी अपवाद के कोरन्टाईन सेंटर में रखा जाए। कोरन्टाइन सेंटर में उनकी प्रारम्भिक स्क्रीनिंग होगी, ट्रेवल हिस्ट्री की जाँच होगी। इसके बाद यह निर्णय लिया जायेगा कि उन्हें होम कोरन्टाईन कराना है अथवा नहीं। कोरोना संदिग्ध प्रकरणों में विस्तृत मेडिकल जाँच की जायेगी।
यदि चैकपोस्ट पर कोई गंभीर रोगी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में आता है, जिसमें प्रथम दृष्टया उसकी जान को ख़तरा प्रतीत हो रहा है तो ऐसे प्रकरणों में एसडीएम या एसडीओपी द्वारा निर्णय लिया जायेगा कि सम्बंधित को प्रवेश दें या न दें। आवश्यकतानुसार कलेक्टर/एसपी से मार्गदर्शन लिया जा सकता है। साफ़ आदेश हैं कि बिना इ पास के किसी भी व्यक्ति को ज़िले की सीमा में प्रवेश नहीं दिया जाए।

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बाहरी व्यक्तियों की सूचना न देने पर होगी एफआईआर
कुछ व्यक्ति बिना अनुमति ज़िले की सीमा में प्रवेश कर कतिपय स्थानीय व्यक्तियों के सहयोग से सीधे उनके गाँवों में पहुँच जा रहे है। गाँवों में उनके परिवारजन प्रशासन को सूचित भी नहीं कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने आदेशित किया है कि कोटवार, पटवारी एवं ग्राम पंचायत सचिव ऐसे व्यक्तियों के बारे में एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार या टीआई को सूचना देकर तत्कार उन्हें कोरन्टाइन सेंटर पहुँचाया जाए। गंभीर प्रकरणों में ज़िले की सीमा में बिना अनुमति के घुसे व्यक्ति के साथ-साथ उसे सहयोग करने वाले व्यक्तियों और प्रशासन को सूचना नहीं देने वाले परिवार जन के विरूद्ध थाने में FIR दर्ज कराई जाए। इस सम्बन्ध में मुनादी कराने की जिम्मेदारी तहसीलदार, जिला पंचायत सीईओ को सौंपी गई है।