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अच्छी खबर: न्यूनतम बैंक बैलेंस की बाध्यता खत्म, बुरी खबर ये कि घट गई ब्याज दर

नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने सभी तरह के सेविंग बैंक अकाउंट पर मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। इसके साथ ही सेविंग बैंक अकाउंट पर ब्याज दर भी 4 फीसदी से घटाकर तीन फीसदी कर दी है। बैंक की प्रेस विज्ञप्ति में इसका ऐलान किया गया है। इस फैसले का असर 44.51 करोड़ ग्राहकों को होगा। इससे मिनिमम बैलेंस के मामले में तो ग्राहकों को फायदा होगा, लेकिन ब्याज दर घटने से नुकसान भी होगा।

एसबीआई के सेविंग बैंक ग्राहकों को मेट्रो, सेमी अर्बन और ग्रामीण इलाकों में क्रमश: 3,000 रुपये, 2,000 रुपये और 1,000 रुपये का मिनिमम बैलेंस रखना होता है। यदि न्यूनतम राशि खाते में नहीं रख पाते तो खाता धारकों से पेनाल्टी के तौर पर पांच से 15 रुपये तक काट लिए जाते हैं। दूसरी ओर एसबीआई ने बुधवार को विभिन्न परिपक्वता अवधि की मियादी जमाओं और कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दरों में भी कटौती कर दी है।
बैंक ने कहा कि होम लोन और फिक्स्ड डिपॉजिट की नई दरें 10 मार्च से प्रभावी होंगी। एसबीआई ने एक महीने में दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती की है। फिक्स्ड डिपॉजिट की दरों में 0.10 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत की कटौती की है।
राहत : होम और ऑटो लोन 0.15 फीसदी तक सस्ता
एसबीआई ने अपने लघु अवधि की कर्ज वाली ब्याज दरों में 0.15 फीसदी तक कटौती कर दी है। एक साल के कर्ज की सीमांत उधारी लागत दर (एमसीएलआर) में 0.10 फीसदी कटौती की है और यह 7.85 फीसदी से घटकर 7.75 फीसदी पर आ गई है। इसी तरह, एक दिन से एक महीने तक के कर्ज की एमसीएलआर को 0.15 फीसदी घटाकर 7.45 फीसदी कर दिया है। तीन महीने के कर्ज पर ब्याज दर 7.65 फीसदी से घटाकर 7.50 फीसदी कर दिया है। इसमें 0.15 फीसदी कटौती हुई है। इसके अलावा दो साल के एमसीएलआर को 0.10 फीसदी घटाकर 7.98 फीसदी जबकि तीन साल की ब्याज दर में इतनी ही कटौती कर 8.05 फीसदी कर दिया है। इससे पहले सोमवार को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 11 मार्च से अपने एमसीएलआर में 0.10 फीसदी कटौती करने का ऐलान किया था।