बिजलीकर्मी बोले-जनहित में नहीं निजीकरण, तत्काल वापस लें संशोधन बिल

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नरसिंहपुर। बिजली उद्योग के निजीकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे संशोध्ान बिल 2020 को वापस लिए जाने की मांग को लेकर सोमवार 1 जून को देशव्यापी काला दिवस मनाया गया। जिले भर में बिजली विभाग के विभिन्न् दफ्तरों में कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध्ाकर विरोध्ा दर्ज कराया। विद्युत कर्मचारियों के विभिन्न् संगठनों ने निजीकरण पर आक्रोश जताते हुए प्रदर्शन किया। मप्र विद्युत कर्मचारी जनता यूनियन के क्षेत्रीय सचिव ओपी सोनी एवं अन्य कर्मचारियों ने अपने-अपने दफ्तरों में प्रदर्शन किया। अध्ाीक्षण यंत्री कार्यालय में भी सभी कर्मचारियों ने काली पट्टी लगाकर निजीकरण पर असहमति जताई। इस मामले में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने ज्ञापन भी सौंपा। मप्र विद्युत कर्मचारी संघ फेडरेशन के सचिव अशोक गुप्ता के अनुसार निजीकरण के बाद उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के वादे खारिज हो जाएंगे। नई टैरिफ नीति में सब्सिडी और क्रास सब्सिडी समाप्त कर दी जाएगी। किसी भी लागत से कम मूल्य पर बिजली नहीं दी जाएगी। बिजली की लागत का राष्ट्रीय औसत रुपए 6.78 रुपए प्रति यूनिट है, निजी कंपनी एक्ट के अनुसार 16 प्रतिशत मुनाफा लेने के बाद 8 रुपए प्रति यूनिट दर से कम पर बिजली नहीं मिलेगी। कर्मचारियों ने कहा कि बिजली उद्योग का निजीकरण किसी भी तरह जनहित में नहीं है, इसे तत्काल वापस लिए जाए।

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