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जिले के भीतर आवागमन के लिये पृथक से पास/ अनुमति-पत्र प्राप्त किये जाने की आवश्यकता नहीं

राज्य शासन द्वारा नागरिकों/ संस्थाओं से जिले के भीतर, प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले में एवं प्रदेश के एक जिले से अन्य राज्य में आवागमन की अनुमति प्राप्त करने के लिए ई-पास की प्रक्रिया सुनिश्चित की गई है। प्रमुख सचिव गृह एस.एन. मिश्रा ने समस्त जिला कलेक्टरों और जिला पुलिस अधीक्षकों को इस बारे में स्पष्ट निर्देश जारी किये हैं।

निर्देशानुसार अत्यावश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं के प्रदाय में सहभागी व्यक्तियों/ संस्थाओं को जिले के भीतर आवागमन के लिये पृथक से पास/ अनुमति-पत्र प्राप्त किये जाने की आवश्यकता नहीं होगी। जब ऐसे व्यक्ति/ संस्था के प्रतिनिधि जिले के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाएं, तो उनसे सामान्य पूछ-ताछ/परिचय-पत्र (जैसे- कार्यालय का आईकार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, अन्प्य कोई कार्ड आदि) देखने के बाद समाधान होने या उन्हें गंतव्य स्थान के लिये प्रस्थान करने दिया जाए। इस व्यवस्था को करने के लिए जिला कलेक्टर स्वयं स्थानीय आवश्यकताओं ओर कोविड-19 के संबंध में जारी निर्देश के तारतम्य में अधिकृत होंगे।

प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले में एवं प्रदेश के एक जिले से अन्य राज्य में आवागमन के लिये चार श्रेणियों में आवेदन प्राप्त हो सकते हैं। प्रथम श्रेणी में ऐसे नागरिक/संस्था के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो खाद्यान्न उपार्जन एवं उनकी अनुषांगिक गतिविधियों तथा अत्यावश्यक सेवाओं के लिए एक जिले से दूसरे जिले अथवा एक जिले से अन्य राज्य में आवागमन के इच्छुक होंगे।

दूसरी श्रेणी में ऐसे व्यक्ति/संस्थायें/कम्पनियों होंगी, जो एक जिले से दूसरे जिले में या एक से अधिक जिलों में नागरिकों के लिए अत्यावश्यक सेवाओं से संबंधित सामग्री/सामग्रियों के डोर-टू-डोर वितरण व्यवस्था में कार्यरत हैं। तृतीय श्रेणी में ऐसे परिवहनकर्ता शामिल होंगे, जिन्हें विभिन्न प्रकार की सामग्रियों को   मध्यप्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले अथवा अन्य राज्यों से मध्यप्रदेश में सामग्री लाने अथवा मध्यप्रदेश से सामग्री अन्य राज्य में ले जाने के लिए परिवहन करना आवश्यक है। चौथी श्रेणी में किसी नागरिक को व्यक्तिगत आपातिक कार्य (Personal Emergency) भी आवागमन करना जरूरी हो सकता है।

इन चारों श्रेणियों के प्रकरण में समस्त व्यक्ति/संस्था इस कार्य के लिये विशेष रूप से निर्मित पोर्टल- https://maplt.govIn/coyd-19 पर आवेदन कर सकेंगे। आवश्यक अनुमति के लिए ऑफलाइन आवेदन भी स्वीकार्य होंगे। पोर्टल पर यह आवेदपन उस जिला कलेक्टर अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जिस जिले से प्रस्तावित परिवहन/ आवागमन प्रारंभ होना है।

ऐसे आवेदन प्राप्त होने पर जिला कलेक्टर अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत सक्षम अधिकारी इन प्रकरणों का परीक्षण करेंगे। समाधान होने पर वे ऐसे आवेदन को स्वीकार कर पोर्टल के माध्यम से इलेक्ट्रानिक अनुमति (ई-पास) जारी करेंगे। इसकी प्रति आवेदक को उनके आवेदन के साथ पंजीकृत मोबाइल क्रमांक एवं ई-मेल आईडी पर इलेक्ट्रानिक रूप से भेजी जायेगी। यदि प्रदेश में एक जिले के सक्षम प्राधिकारी द्वारा किसी व्यक्ति/ संस्था के पक्ष में ई-पास जारी किया जाता है, तो उसे प्रदेश के उन सभी जिलों द्वारा भी स्वीकार किया जाएगा, जो रास्ते में आयेंगे।

इस प्रणाली के अंतर्गत जारी किये जाने वाले समस्त ई-पास की जानकारी पोर्टल के माध्यम से प्रतिदिन एम.आई.एस. के रूप में प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्यम तथा प्रमुख्‍सचिव खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण को उपलब्ध कराई जाएगी। यदि किसी जिले में काई क्षेत्र कोविड-19 की दृष्टि से कन्टेनमेंट क्षेत्र के रूप में घोषित है, तो ऐसे क्षेत्र में परिवहन एवं आवागमन पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।

इस प्रक्रिया के‍संबंध में किसी प्रकार की कठिनाई होने पर मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिये कलेक्टर, प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास   संजय दुबे अथवा विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी-सह-आयुक्त, मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल श्रीमती कैरोलिन खोगवार देशमुख से सम्पर्क कर सकते हैं। ये दिशा-निर्देश लॉकडाउन की समाप्ति अथवा आगामी आदेश ( जो भी पहले हो) तक प्रभावशील रहेंगे।