जबलपुर से महज 21 किलोमीटर की दूरी पर प्राकृृतिक सौंदर्य से सराबोर भेड़ाघाट प्रदेश एवं देश में पर्यटन के लिए हमेंशा ही आकर्षण का केन्द्र रहा है। यहां की रमणीयता पर्यटकों का मन मोह लेती है। यहां का धुंआधार जलप्रपात व भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित चैसठ योगिनी मंदिर को देखने के लिए साल भर पर्यटकों का आना जाना रहता है।
संगमरमर की ऊँची ऊँची चट्टाने भेड़ाघाट आए पर्यटकों को मन मोह लेती हैं। नर्मदा नदी की धाराएं जब इन संगमरमर की चट्टानों से टकराती हैं तो मधुर संगीत की ध्वनि होती है। भेड़ाघाट के पास नर्मदा का पानी एक बड़े झरने के रूप में गिरता है। यह स्पॉट धुआँधार फॉल्स कहलाता है। संगमरमर की ऊँची दूधिया चट्टानों के बीच बहती हुई नर्मदा नदी का दृश्य मन को प्रफुल्लित कर देता है। इस सारे इलाके में बाॅलीबुड की कई फिल्मों का छायांकन हो चुका है। करीना कपूर और शाहरूख खान की अशोका फिल्म के कुछ सीन भी इस जगह पर किये गये थे। यहां आप नौका विहार का आनंद भी ले हैं।
चौंसठ योगिनी तथा गौरीशंकर मंदिर
भेड़ाघाट में धुआधार सहित चौंसठ योगिनी मंदिर तथा गौरीशंकर मंदिर स्थित है। भेड़ाघाट के समीप चौसठ योगिनी मंदिर तथा गौरीशंकर मंदिर दर्शनीय हैं। भेड़ाघाट के पास ही यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है। यह बहुत ही भव्य मंदिर है। यहाँ योगिनी अर्थात् देवियों की प्रतिमा है। चौंसठ योगिनी मंदिर जबलपुर की ऐतिहासिक संपन्नता में एक और अध्याय जोड़ता है। प्रसिद्ध संगमरमर चट्टान के पास स्थित “चौंसठ योगिनी मंदिर” में देवी दुर्गा की 64 प्रतिमा है। इस मंदिर की विषेशता इसके बीच में स्थापित भागवान शिव की प्रतिमा है, जो कि 64 देवियों की प्रतिमा से घिरा हुआ है। इस मंदिर का निर्माण सन् 1000 के आसपास “कलीचुरी वंश” ने करवाया था। इस मंदिर से नर्मदा नदी सामने से ही दिखाई दे जाती हैं।
कैसे पहुंचे- जबलपुर से बस;मेट्रोद्धए टेम्पो और टैक्सी भी उपलब्ध रहती है।
ठहरने के लिए– भेड़ाघाट अथवा जबलपुर में रूकने के विश्रामगृह, सर्किट हाउस, होटलें आदि उपलब्ध हैं।