नरसिंहपुर में फिल्म निर्माण की एक से बढ़कर एक लोकेशन, बस हालत सुधरने की देर

पर्यटन को बढ़ावा देने दर्जनों हुईं घोषणाएं, अमल एक पर भी नहीं

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बरमान में प्रवाहित नर्मदा की दुग्ध धारा।

आनंद श्रीवास्तव
नरसिंहपुर। विक्रमपुर से शुरू होकर रायसेन की सीमा तक नर्मदा नदी के आसपास दर्जनों ऐसे स्थल हैं, जहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य देखने वाले को मोहित कर देता है। बात चाहे ऐतिहासिक बरमान घाट की हो या चिनकी, भैंसा घाट, समनापुर, केरपानी, गरारु घाट या टोन घाट आदि की, हर स्थल अपने में प्राकृतिक सौम्यता अपने में समेटे हुए है। बावजूद इसके, ये भी सच है कि इन स्थलों को ख्याति दिलाने के लिए घोषणाएं तो खूब हुईं। बड़बोलों से राजीतिक रोटियां भी सेंकी गयीं लेकिन यथार्थ

टोन घाट, बरहटा।

के धरातल पर हुआ गया कुछ नहीं। चुनाव ख़त्म, पर्यटन विकास की बातें भी ख़त्म। अब जबकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पर्यटन को बढ़ावा देने और प्रदेश को विश्व मानचित्र पर अंकित करने के लिए फिल्म, धारावाहिक निर्माताओं के लिए सहायता और सुविधाओं का पिटारा खोल दिया है, ऐसे में नरसिंहपुर जिले के पर्यटन स्थलों की बदहाली का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाना अब जरुरी हो गया है। यदि जिले के पर्यटन स्थलों की दशा सुधरती है तो निश्चित रूप से यहाँ फिल्म, वेब शो, धारावाहिक आदि के निर्माण के लिए एक से बढ़कर एक लोकेशन विकल्प स्वरुप उपलब्ध होंगी।

फिल्म, लघु फिल्म निर्माण के लिए ये लोकेशन खास

  • नर्मदा नदी के के बरमान, सांकल, गरारु, चिनकी, समनापुर आदि
  • घाटों पर स्थित ऐतिहासिक मंदिर, टापू और हरियाली से घिरा क्षेत्र।
  • बरहटा के पास चारों और जंगल से घिरे शेढ़ नदी पर बनने वाले प्राकृतिक जल प्रपात टोनघाट, पांडव गुफा
  • जगत गुरु शंकराचार्य का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाला परमहंसी गंगा आश्रम
  • गोंड साम्राज्य का प्रतीक ऐतिहासिक चौगान किला आदि
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विस अध्यक्ष और केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री से बढ़ी उम्मीदें

नर्मदा प्रसाद प्रजापति, विधानसभा अध्यक्ष, मप्र ।
प्रहलाद सिंह पटेल, केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री

इसे संयोग ही कहा जायेगा की, प्रदेश में जब फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने स्पष्ट नीति घोषित की गयी, उस अवधि में नरसिंहपुर जिले की दो- दो राजनीतिक शख़्सियतें प्रदेश और केंद्र सरकार में बड़े ओहदे पर विराजमान हैं। इनमें से एक गोटेगांव से विधायक और विधानसभा में अध्यक्ष पद पर आरूढ़ नर्मदा प्रसाद प्रजापति हैं। वहीं गोटेगांव में जन्में, पले-बढ़े और वर्तमान में दमोह से सांसद केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल हैं। इन नेताओं में एक बात की समानता ये है कि दोनों नर्मदा के परम भक्त हैं। दोनों ही नेता जिले के पर्यटन को किस तरह से विकसित किया जा सकता है, इसकी पर्याप्त समझ रखते हैं। ऐसे में नरसिंहपुर को पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने की इनसे अपेक्षाएं और अधिक बढ़ जाती हैं।

एक नजर में मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा अनुमोदित पर्यटन नीति 2020 के प्रमुख बिंदु:-

  • मध्यप्रदेश को फिल्म निर्माताओं के लिए प्रमुख आकर्षण बनाना एवं निजी निवेश को प्रोत्साहित करना।
  • राज्य में फिल्म शूटिंग के माध्यम से कौशल विकास और रोजगार सृजन।
  • फीचर फिल्म, टी.वी. सीरियल/ शो/वेब ‍सीरीज/शो/डाक्यूमेंट्री की शूटिंग के लिये वित्तीय अनुदान के माध्यम से मध्यप्रदेश में शूटिंग को प्रोत्साहन।
  • मध्यप्रदेश के स्थानों के प्रचार-प्रसार के लिये अधिक स्क्रीन टाईम के लिये विशेष अनुदान।
  • अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं और दक्षिण भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिये विशेष वित्तीय प्रोत्साहन।
  • स्थायी प्रकृति के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर वित्तीय प्रोत्साहन/अनुदान/ भूमि आवंटन।
  • फिल्म निर्माताओं के लिये समय सीमा में अनुमति की सुविधा और सहायता देना।
  • रियायती दरों पर एमपीएसटीडीसी की ईकाइयों में सेवाएँ उपलब्ध कराना।
  • फिल्म नीति क्रियान्वयन के लिये विशेष समर्पित फिल्म फेसिलिटेशन सेल का निर्माण।
  • सिंगल विन्डो सिस्टम के माध्यम से फिल्मांकन अनुमति के लिये संबंधित विभागों से आवश्यक समन्वय स्थापित करना।
  • फिल्म सिटी, फिल्म स्टूडियो, कौशल विकास केन्द्र आदि के लिये राज्य में फिल्म उद्योग को प्रोत्साहन।
  • फिल्म से संबंधित विभिन्न आयोजनों में सहभागिता की जाकर प्रदेश का प्रचार-प्रसार करना।
  • बुनियादी ढांचे यथा- आवास एवं परिवहन आदि का विकास।
  • राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले आधारभूत ढांचे और सेवाओं जैसे हवाई जहाज, हेलीकॉप्टरों, सम्पत्तियों आदि को फिल्म निर्माताओं को प्रक्रियानुसार उपलब्ध कराना।
  • सिंगल स्क्रीन सिनेमा, बंद सिनेमा घरों के पुनरूद्वार को बढ़ावा देना और मौजूदा सिनेमा हॉल को अपग्रेड करना तथा मल्टीप्लेक्स की स्थापना को प्रोत्साहित करना/वित्तीय अनुदान।
  • फिल्म सिटी, फिल्म स्टूडियो, पोस्ट-प्रोडक्शन सेन्टर, वीएफएक्स सेन्टर, स्किल डेव्लपमेंट सेन्टर , फिल्म इंस्टीटयूट एण्ड ट्रेनिंग इंस्टीटयूट, इनक्यूबेशन सेन्टर और अन्य फिल्म संबंधी स्टार्टअप प्रोजेक्ट जैसे विभिन्न फिल्म निर्माण परियोजनाओं के लिए पर्यटन नीति अन्तर्गत भूमि आवंटन ।
  • फिल्म एण्ड टेलीविजन इंस्टीटयूट ऑफ इण्डिया (एफटीआईआई) पुणे, सत्यजीत रे फिल्म एण्ड टेलीविजन इंस्टीटयूट ऑफ कोलकाता, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली और अन्य समकक्ष प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करना।
  • फिल्म से संबंधित पाठयक्रमों/विषयों पर विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन।
  • आवेदक को फिल्म नीति-2020 में अनुदान प्राप्त करने के लिए फिल्म में राज्य सरकार और पर्यटन विभाग को श्रेय देना होगा। साथ ही पर्यटन विभाग/राज्य शासन के ‘लोगो’ का उपयोग एवं फिल्म शूटिंग के स्थान का नाम आवश्यक रूप से उल्लेखित करना होगा, जिससे मध्यप्रदेश का प्रचार-प्रसार होगा।
  • मध्यप्रदेश की विशेष ब्रांडिंग करने वाली फिल्मों के लिए विशेष वित्तीय प्रावधान।

 

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