नरसिंहपुर। जिले के मौजूदा खनिज अधिकारी रमेश पटेल का हरदा जिला के लिए तबादला हो गया है। इनके स्थान पर हरदा में पदस्थ सहायक खनिज अधिकारी ओम प्रकाश बघेल को पदोन्नत कर नरसिंहपुर में जिला खनिज अधिकारी बनाया गया है। इस आशय के आदेश प्रदेश के खनिज साधन विभाग मंत्रालय ने मंगलवार देर शाम जारी कर दिए हैं। जिला मुख्यालय में आदेश की जानकारी लगते ही रेत माफियाओं में मानो शोक की लहर दौड़ गई। अपने चाहते अधिकारी की यकायक तबादले से वे सदमे में नजर आए। वे सुबह से ही श्री पटेल के मोबाइल पर काल कर अपना दुःख व्यक्त करते नजर आए। कुछ तो उनके निवास पर भी पहुँच गए। वहीँ प्रशासन का एक वर्ग इस अप्रत्याशित तबादले को रमेश पटेल के कथित ‘भैयाजी’ यानी कलेक्टर वेदप्रकाश के लिए भी झटका करार दे रहे हैं। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही माफिया के साथ मोबाइल पर हुई बातचीत में निवर्तमान जिला खनिज अधिकारी रमेश पटेल ने कलेक्टर को भैया नाम से सम्बोधित करते हुए काल करने वाले से उनसे सेटिंग सम्बन्धी चर्चा की थी। इस बातचीत की रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों को पता चला था कि खनिज विभाग में अधिकारियों और माफिया के बीच कलेक्टर भैयाजी के नाम से जाने जाते हैं।
जमकर कराया अवैध खनन, खूब कराया विवाद
निवर्तमान जिला खनिज रमेश पटेल की कार्यप्रणाली पदस्थापना के बाद से काफी विवादित रही है। खासकर लॉकडाउन व अनलॉक के बाद जिस तरह से नर्मदा समेत अन्य प्रतिबंधित घाटों पर रेत का अवैध खनन हुआ है, उसमें पटेल की प्रत्यक्ष और परोक्ष सहभागिता के समय-समय पर प्रमाण देखने को मिले हैं। इसके चलते इनकी गाडरवारा के पत्रकार और समाजसेवी कपिल साहू ने आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में भी शिकायत दर्ज कराई थी। ये बात और है कि इस शिकायत पर जांच के आदेश तीन माह बाद भी नहीं हो सके हैं। वहीं बीते माह रेवानगर, शगुन और कुड़ी घाट में अवैध खनन को लेकर माफियाओं के बीच तनी बंदूकें भी पटेल के क्रियाकलापों का नतीजा थी।
रमेश पटेल के ये रहे चर्चित कारनामे
- धनलक्ष्मी मचेंटाइचड कॉर्पोरेशन को 30 जून की अवधि में जिले की 36 खदानें राज्य शासन ने करीब 63 करोड़ रुपए की नीलामी में सौंपी थी। हैरत की बात ये थी 15 जून से रेत खनन पर प्रतिबन्ध लग गया था लेकिन खदानें प्राप्त करने वाली कम्पनी के साथ सांठगाँठ कर पटेल ने जमकर अवैध खनन कराया। वे 30 सितम्बर तक ये नहीं बता सके थे कि आखिर जिले में कितना रेत का स्टॉक था।
- 1 अक्टूबर को खनन की अनुमति जारी होते ही उनका कहना था कि जिले में 3 लाख घनमीटर रेत छह जगहों पर स्टॉक में थी। गौर करने वाली बात ये रही कि 22 मार्च से जून अंत तक जिले में टोटल लॉकडाउन था, ऐसे में 3 लाख घनमीटर रेत के स्टॉक की पुष्टि साफ़ गवाही दे रही थी कि जिले की नदियों में माफिया के जरिये जमकर रेत खनन कराया गया है। मोटी रकम अधिकारियों ने अपने जेब में की है।
- गाडरवारा तहसील के अंतर्गत माफिया के जरिये दूधी, शक्कर नदी में अवैध खनन कराकर रमेश पटेल और उनके महकमे ने कई दफे अराजक हालत पैदा किये। इसके चलते दिनदहाड़े गोलीकांड हुए।
सितम्बर माह में नर्मदा के शगुन और कुड़ी घाट में लाखों मूल्य की रेत के विशाल भण्डार की पुष्टि के बाद भी जिला खनिज अधिकारी ने इस जब्त नहीं कराया। रातों-रात माफिया से लेनदेन करते हुए रेत के स्टॉक को गायब करा दिया था। - चार दिन पहले ही एक जगह जारी अवैध खनन को रोकने ग्रामीणों ने पुलिस बल को बुला लिया था। जब रमेश पटेल से मौके पर चलने कहा गया तो उन्होंने कार्रवाई से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि वे सिर्फ ‘भैयाजी’ यानी कलेक्टर का ही आदेश मानेंगे।