किसान अब कृषि उपज का बाधा मुक्त व्यापार कर सकेंगे
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा आज कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को मंजूरी दिये जाने से अब किसान कृषि उपज का बाधा मुक्त व्यापार कर सकेंगे। इससे किसानों को अपनी उपज बेचने में अभी तक की सभी बाधाएं हट जायेंगी तथा किसानों को अपनी फसल का अच्छा लाभ मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि अभी तक किसान मण्डी के लायसेंसधारी व्यापारी को ही अपनी फसल बेच सकते हैं। परंतु अब उनके सामने फसल बेचने के लिये कई विकल्प होंगे। वे अपने खेत से, घर से तथा राज्य के बाहर भी, जहाँ उन्हें अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिल सके अपनी फसल बेच सकेंगे। किसानों की फसलों को बेचने के लिये ई-प्लेटफार्म भी बनाया जा रहा है।
केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा जारी कृषि उपज का बाधा मुक्त व्यापार अध्यादेश
कई तरह के नियामक प्रतिबंधों के कारण देश के किसानों को अपने उत्पाद बेचने में काफी दिक्कत आती है। अधिसूचित कृषि उत्पाद विपणन समिति वाले बाजार क्षेत्र के बाहर किसानों पर उत्पाद बेचने पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। उन्हें अपने उत्पाद सरकार द्वारा लाइसेंस प्राप्त खरीदारों को ही बेचने की बाध्यता है। इसके अतिरिक्त एक राज्य से दूसरे राज्य को ऐसे उत्पादों के सुगम व्यापार के रास्ते में भी कई तरह की बाधाएं हैं।
क्या मिलेगा लाभ
अध्यादेश के लागू हो जाने से किसानों के लिए एक सुगम और मुक्त माहौल तैयार हो सकेगा जिसमें उन्हें अपनी सुविधा के हिसाब से कृषि उत्पाद खरीदने और बेचने की आजादी होगी। अध्यादेश से राज्य के भीतर और बाहर दोनों ही जगह ऐसे बाजारों के बाहर भी कृषि उत्पादों का उन्मुक्त व्यापार सुगम हो जाएगा जो राज्यों के कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम के तहत अधिसूचित हैं।
इससे किसानों को अधिक विकल्प मिलेंगे। बाजार की लागत कम होगी और उन्हें अपने उपज की बेहतर कीमत मिल सकेगी। इसके अलावा अतिरिक्त उपज वाले क्षेत्रों में भी किसानों को उनके उत्पाद के अच्छे दाम मिल सकेंगे और साथ ही दूसरी ओर कम उपज वाले क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को भी ज्यादा कीमतें नहीं चुकानी पड़ेंगी। अध्यादेश में कृषि उत्पादों का सुगम कारोबार सुनिश्चित करने के लिए एक ई-प्लेटफॉर्म बनाए जाने का भी प्रस्ताव है।
एक देश-एक कृषि बाजार
अध्यादेश का मूल उद्देश्य एपीएमसी बाजारों की सीमाओं से बाहर किसानों को कारोबार के अतिरिक्त अवसर मुहैया कराना है जिससे उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में अपने उत्पादों की अच्छी कीमतें मिल सकें। यह निश्चित रूप से ‘एक देश-एक कृषि बाजार’ बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा और कठोर परिश्रम करने वाले हमारे किसानों के लिए उपज की मुंह मांगी कीमत सुनिश्चित करेगा।