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धनलक्ष्मी के कर्मचारियों से मारपीट, अवैध खनन के मामले में माफिया समेत 45 पर एफआइआर

 नरसिंहपुर। नर्मदा नदी के तटों पर प्रतिबंध के बावजूद रेत का अवैध खनन खूनी संघर्षों का अंदेशा पैदा कर रहा है। गाडरवारा में दूधी नदी तट पर 5 दिन पहले हुए विवाद के बाद रेवानगर मामले में बुधवार को उपजा तनाव इसका उदाहरण है। दोपहर को खनन के लिए अधिकृत कंपनी और माफियाओं के बीच टकराव को रोकने के बाद रातभर सुआतला चेकपोस्ट नाके समेत खदानों में पुलिसबल तैनात रहा। इसके चलते अवैध खनन में लगे माफिया भूमिगत हो गए। वहीं गुरुवार को सुआतला थाने में एक दिन पहले हुए फसाद में शामिल 9 नामजद आरोपितों के साथ 40-45 अन्य के खिलाफ मुकदमा कायम किया गया है।
बुधवार को रेवानगर समेत शगुन, कुड़ी, धरमपुरी के माफियाओं ने कानून व्यवस्था को खुली चुनौती देते हुए जमकर हथियार लहराए थे। खनन कर्मचारियों के साथ झिरी घाटी स्थित चेकपोस्ट नाके पर पदस्थ मेहताप सिंह व राजेंद्र प्रजापति समेत अन्य के साथ मारपीट की थी, इससे हालात बिगड़ गए थे। इसके बाद कंपनी की ओर से भी दर्जनों हथियारबंद लोग माफियाओं का सामना करने पहुंच गए। हैरत की बात ये रही कि घटना की पल-पल की जानकारी होने के बावजूद खनिज विभाग के अधिकारी केबिन में दुबके रहे। नतीजतन सुआतला पुलिस को अपने सीमित बल के सहारे मोर्चा संभालना पड़ा था। करीब 4 घंटे तक बेरिकेडिंग और समझाइश के बाद दोनों तरफ के लोगों को विपरीत दिशाओं की ओर रवाना करने के बाद शांति बहाल हो सकी। यद्यपि झगड़े का अंदेशा बरकरार रहा। इसे देखते हुए पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के निर्देश पर एसडीओपी तेंदूखेड़ा मेहंती मरावी, सुआतला थाना प्रभारी कमलेश चोरिया ने अमले के साथ खनन कंपनी के रायल्टी चेकपोस्ट नाके के अलावा रेवानगर, धरमपुरी जैसे नर्मदा तट स्थित प्रतिबंधित खदानों में रातभर निगरानी रखी। अवैध खदानों की और आने-जाने वाले रास्ते सर्च किए जाते रहे। परिणास्वरूप बरमान में लंबे समय बाद नर्मदा के तट अवैध खनन से मुक्त रहे।
रेवानगर, शगुन घाट में सक्रिय माफिया पर मुकदमा
गुरुवार को धनलक्ष्मी मर्चेंटाइज्ड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के जिला प्रबंधक सोहन सिंह ने झिरी घाटी चेकपोस्ट नाके पर तैनात कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट और रेत के अवैध खनन व परिवहन में जुड़े लोगों की नामजद रिपोर्ट सुआतला थाने में दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया कि बीती 26 अक्टूबर को झिरी घाटी स्थित चेकपोस्ट पर कंपनी के कर्मचारियों मेहताप सिंह व राजेंद्र प्रजापति ने रेत से भरा डंपर एमपी 15 एच 1170 रोका था। इसके ड्राइवर के पास रेत खनन व परिवहन की वैध अनुज्ञा नहीं थी। ट्रक रोके जाने पर डंपर चालक ने मोबाइल से 20-25 लोगों को बुला लिया। यहां पर इन लोगों द्वारा कंपनी के कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई। जबरदस्ती डंपर को वे चेकपोस्ट से निकालकर ले गए। शिकायत में बताया गया कि इस घटना के तीसरे दिन यानी 28 अक्टूबर को पुन: करीब 50 लोगों ने डंडों, हथियारों के साथ फिर से धावा बोला। गाली-गलौज के साथ कर्मचारियों को जान से मारने की कोशिश की गई। शिकायत के आधार पर सुआतला पुलिस ने राहुल दुबे, राजू राजपूत, भूरा मालगुजार, संजू नेपाली, इरशाद खान, दीपक, पप्पू सोनी, वीरेंद्र विश्वकर्मा, राव अभय राय समेत 40-45 अज्ञात लोगों के खिलाफ अवैध खनन, जान से मारने की धमकी, गाली-गलौज का मुकदमा कायम किया है। पुलिस के अनुसार फिलहाल मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। वारदात में शामिल अज्ञात लोगों की पहचान की जा रही है।
चेकपोस्ट से लेकर खदान तक गश्ती बढ़ी
नर्मदा नदी में अवैध खनन व परिवहन को रोकने के लिए सुआतला पुलिस ने झिरी घाटी स्थित धनलक्ष्मी के चेकपोस्ट नाके से लेकर चिह्नित खदानों तक गश्त बढ़ा दी है। यहां पर नियमित रूप से पेट्रोलिंग की जा रही है। पुलिस के अधिकारी लगातार संवेदनशील जगहों पर नजर रखे हुए हैं। सुआतला थाना प्रभारी कमलेश चोरिया के अनुसार बुधवार रात को खदानों से लेकर यहां तक आने-जाने वाले रास्तों पर विशेष निगरानी की गई। गुरुवार को भी इन पाइंटों पर पुलिस का पहरा रहा। हालातों की वरिष्ठ अधिकारी लगातार समीक्षा कर रहे हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है। विदित हो कि नईदुनिया में पिछले एक पखवाड़े से नर्मदा के शगुन, कुड़ी, धरमपुरी, रामघाट में जारी अवैध खनन और झगड़े की आशंका पर खबरें प्रकाशित की जा रहीं हैं। बुधवार को चेकपोस्ट पर हुई घटना के मद्देनजर अब पुलिस प्रशासन ने खदानों पर अवैध खनन पर नजर रखना शुरू कर दिया है।
खनिज अधिकारी कर देते कार्रवाई तो नहीं बिगड़ते हालात
14 अक्टूबर को ग्रामीणों ने शगुन व कुड़ी घाट में रेत के अवैध खनन और परिवहन की सूचना जिला खनिज अधिकारी रमेश पटेल को दी थी। इसके बाद 15 अक्टूबर को श्री पटेल अपने सहायक के साथ मौके पर भी गए थे। यहां उन्हें रेत के बड़े-बड़े 9 भंडार प्राप्त हुए थे। बावजूद इसके उन्होंने इसकी सूचना न तो संबंधित थाने को दी, न ही अवैध भंडारण को जब्त कराने में कोई रुचि दिखाई। मामले को वे लगातार टालते रहे, जिसका फायदा उठाकर माफिया ने रेत की चोरी कर ली, अवैध खनन जारी रखा। अपने पर कार्रवाई न होता देख माफिया के हौसले इस कदर बढ़े कि वह उन खदानों में आधिपत्य जमाने लगा जिन्हें शासन ने नीलाम किया था। इसके चलते रेवानगर खदान से फसाद की शुरुआत हुई, जो गुरुवार को विकट रूप ले गई। वहीं शगुन व कुड़ी घाट की रेत चोरी के मामले में 16वें दिन भी खनिज अधिकारी रमेश पटेल जांच की ही बात कह रहे हैं।