शारदीय नवरात्र की शुरुआत शनिवार को शक्ति के आगमन के साथ हो गई। नवरात्रि के दिन बहुत ही विशेष माने गए हैं क्योंकि ये दिन मां आदिशक्ति को बहुत प्रिय हैं। इन नौ दिनों में हर तरफ एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। शक्ति की उपासना के नौ दिनी पर्व शारदीय नवरात्र की शुरुआत शनिवार को शक्ति के आगमन के साथ होगी। पहले दिन माता के शैलपुत्री स्वरूप का पूजन किया जाएगा। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना का विधान है। शैलपुत्री का संस्कृत में अर्थ होता है पर्वत की बेटी। मां शैलपुत्री के स्वरूप की बात करें तो मां के माथे पर अर्ध चंद्र स्थापित है। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में कमल का फूल है। वे नंदी बैल की सवारी करती हैं।
इस बार 17 से 25 अक्टूबर के दौरान चार सर्वार्थ सिद्धि, सिद्धि महायोग, अमृत योग और बुद्धादित्ययोग का मंगलकारी संयोग बनेगा।