गाडरवारा: कपड़े सिलकर महिला ने जोड़ी रकम, दो दिन में 6 बार खाते में लगी सेंध, निकल गए 62 हजार
गाडरवारा। अपने और परिवार का गुजर-बसर करने के लिए एक महिला ने दूसरों के कपड़े सिलकर जैसे-तैसे रकम जोड़ी लेकिन सेंधमारों ने दो दिन के अंदर 6 बार ट्रांजेक्शन कर करीब 62 हजार रुपये उड़ा लिए। महिला पिछले करीब एक माह से पुलिस के चक्कर लगा रही है। साइबर क्राइम में त्वरित परिणाम का दंभ भरने वाले अधिकारी और बैंक प्रबंधन उसकी कोई मदद नहीं कर पा रहे हैं।
पीड़िता का नाम गाडरवारा निवासी बरखा पति विशाल मालवीय है। धोखाधड़ी को लेकर गाडरवारा के निरंजन वार्ड निवासी बरखा पति विशाल मालवीय का कहना है कि बैंक आफ बड़ौदा के बचत खाते से उसने बीते 10 जून को खाते से मोबाइल नंबर लिंक कराने बैंक में आवेदन दिया था। इसके बाद 11 जून को खाते से 50 हजार और 12 जून को 12 हजार 500 रुपयों की राश्ाि निकल गई। जबकि बैंक द्वारा महिला का खाता उसके मोबाइल नंबर से 16 जून को लिंक किया गया है। महिला ने बताया कि बैंक में शिकायत की तो मैनेजर ने कोई संतोषजनक जबाब नहीं दिया। वह गाडरवारा थाने से लेकर एसपी कार्यालय में भ्ाी शिकायत कर चुकी है। घटना को हुए एक माह होने को है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। बैंक अधिकारी कहते है कि राशि एटीएम से निकली है लेकिन उसका एटीएम घर की अलमारी में रखा था। उसने न तो किसी से ओटीपी शेयर की और न ही खाता संबंधी जानकारी दी। महिला का आरोप है कि बैंक की गलती से खाता सुरक्षित नहंी है।
बरखा की तरह और भी हैं मामले
– ग्राम गुटौरी निवासी सेवानिवृत्त एडीओ यशवंत पटेल के खाते से दिसंबर 2018 में राजमार्ग चौराहा स्थ्ाित पीएनबी के एटीएम के जरिए 4 बार में करीब एक लाख 19 हजार रुपये की राशि निकल गई। मामले में बैंक से लेकर पुलिस तक शिकायतें हुईं। पूर्व कर्मचारी ने बैंक-पुलिस थाना के कई चक्कर इस आस में काटे कि शायद रकम मिल जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। थक-हारकर श्री पटेल अब घर पर बैठ गए हैं। उन्होंने रकम मिलने की आस भी छोड़ दी है।
– अक्टूबर 2019 में बरमान निवासी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी नरेंद्र तिवारी एसबीआइ बैंक सुआतला के खाता से 7 अक्टूबर की रात 11 बजकर 23 मिनट से रात्रि 12 बजकर 28 मिनट के बीच 3 बार में 56 हजार रुपये निकल गए। जिस वक्त यह रकम एटीएम के जरिए निकली उस दौरान नरेंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चांवरपाठा मंे ड्यूटी कर रहा था और एटीएम जेब में था। नरेंद्र के अनुसार उन्हांेने न तो किसी को पासवर्ड बताया था और न ही कोई फजी कॉल उसके पास आया और रकम निकल गई। 56 हजार निकलने के बाद खाते में सिर्फ 362 रुपये बचने दिए थे। मामले में भी पुलिस व बैंक के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। नरेंद्र भी मान चुका है उसकी न रकम मिलेगी, न ही अधिकारी कोई प्रयास करेंगे।