गाडरवारा: बंद रहा सिहोरा का चप्पा-चप्पा, सिहोरा का बाजार, सड़कों-मोहल्लों में पसरा सन्नाटा
कोरोना की चेन तोड़ने व्यापारी संघ, नागरिकों व पंचायतकर्मियों ने दिया भरपूर समर्थन, स्वैच्छिक लाकडाउन का आज अंतिम दिन
सिहोरा। गाडरवारा तहसील के अंतर्गत तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को देखते हुए कस्बे के लोगों में भी बैचेनी बढ़ गई थी। हर दूसरे-तीसरे घर में किसी न किसी व्यक्ति के बीमार होने के कारण आखिरकार व्यापारिक संघ के आह्वान पर दो दिन का लाकडाउन घोषित किया गया। बुधवार को पहले दिन समूचा बाजार स्वस्फूर्त बंद रहा। न कोई घर से निकला, न ही किसी तरह की व्यापारिक गतिविधि हुई सुबह से रात तक यहां सन्नाटा पसरा रहा।
मंगलवार शाम को व्यापारी संघ, नागरिकों, पंचायतकर्मियों, किसानों आदि ने मिलजुलकर कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के मकसद से स्वैच्छिक लाकडाउन लगाने की जो घोषणा की थी, उसे आम लोगों का भरपूर समर्थन मिला। कस्बे के अलावा इससे जुड़े आसपास के गांवों में भी बाजार पूरी तरह से बंद रहे। चौकी के पुलिसकर्मी बेमतलब घर से बाहर निकलने वालों पर नजर गड़ाए रहे।
वहीं वाजिब कारणों जैसे अस्पताल या टीकाकरण के लिए जाने वालों को आने-जाने दिया गया। कस्बे की छोटी से लेकर बड़ी दुकानों में ताले डले रहे। पुलिस चौकी प्रभारी यादवेंद्र मरावी, एएसआई गोविंद नागेश, आरक्षक राजेश गुप्ता, शिवकुमार ठाकुर आदि स्टाफ के सदस्यों का लाकडाउन की व्यवस्था बनाने में भरपूर सहयोग मिला। पुलिस बल प्रमुख रास्तों, मोहल्लों के आसपास तैनात रहा। इसी तरह पंचायत स्तर पर भी नागरिकों के इस स्वैच्छिक लाकडाउन को जबरदस्त समर्थन दिया गया। बुधवार को ग्राम पंचायत के अंतर्गत लगने वाला साप्ताहिक बाजार निरस्त कर दिया गया। वहीं सरपंच गीताबाई कतिया, उप सरपंच हरीश पेठिया, सचिव विनोद कोरव, सहसचिव प्रदीप वर्मा, ग्राम कोटवार अनु कतिया ने पंचायत कार्यालय को बंद रख, सभी तरह की गतिविधियों को विराम दिया।
खुद तय की थी गाइडलाइन: विदित हो कि इस स्वैच्छिक दो दिवसीय लाकडाउन को लेकर व्यापारी संघ ने खुद ही गाइडलाइन तय की थी। इसके अनुसार किसी दुकान से गुपचुप सामान बेचने दुकान खोले जाने पर संबंधित व्यापारी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। हालांकि पहले दिन के इस लाकडाउन में गाइडलाइन के उल्लंघन का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया। व्यापारिक प्रतिनिधि, पुलिसकर्मी व अन्य सरकारी कर्मचारी लाकडाउन के नियमों का उल्लंघन न हो, इसके लिए लगातार भ्रमण करते रहे। उन्होंने मोबाइल फोन पर एक-दूसरे से जुड़कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
इंटरनेट मीडिया से करते रहे जागरूक: स्वैच्छिक लाकडाउन को सफल बनाने के लिए जागरूक नागरिक इंटरनेट मीडिया पर वाट्सएप, फेसबुक के जरिए लोगों से बेवजह घर से बाहर न निकले, जरूरी होने पर मास्क पहनकर ही घर से निकलने, शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने का आह्वान करते रहे। इन माध्यमों से वे ग्राम पंचायत के अंतर्गत कोरोना की चेन तोड़ने में सहयोग भी मांगते नजर आए। उनकी इस अपील का स्थानीय लोगों पर जबरदस्त रूप से सकारात्मक असर भी दिखा। आम घरों के अमूमन दरवाजे बंद नजर आए। लोगों अपने स्वजनों के साथ समय बिताया।
आज भी रहेगा स्वैच्छिक लाकडाउन: सिहोरा व्यापारी संघ के अक्षय जैन, हरीश रिंकू पेठिया, प्रदीप कौरव, कृष्णकांत कौरव, कृष्णकांत लोधी, सतेंद्र पटवा, राकेश जैन, गोलू साहू, प्रशांत लोधी, पंकज शर्मा आदि ने बताया कि गांव में स्वैच्छिक लाकडाउन गुरुवार को भी जारी रहा। पहले दिन आमलोगों के मिले स्वफूर्त समर्थन से सभी व्यापारी उत्साहित नजर आए। व्यापारियों का कहना था कि दो-तीन दिन की थोड़ी बहुत परेशानी उठाने से वे आने वाले दिनों की बड़ी मुसीबत को टाल सकते हैं। स्वास्थ्य से बढ़कर कोई धन नहीं है। उन्होंने बुधवार के लाकडाउन को सफल बनाने के लिए आम नागरिकों समेत पुलिस प्रशासन, राजस्व अधिकारियों व पंचायतकर्मियों आदि के प्रति आभार जताया है।