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गाडरवारा: बेकार साबित हो रहे आपदा प्रबंधन समूह के निर्णय, अब तक नहीं खुला 50 बिस्तर वाला कोविड सेंटर

गाडरवारा। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन समूह के निर्णय भी अब बेकार साबित होने लगे हैं। प्रशासनिक उदासीनता का आलम ये है कि बीती 16 अप्रेल को प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव की मौजूदगी में लिया गया निर्णय अब तक अमल में नहीं आ सका है। शहर के बीटीआइ 50 बिस्तर की क्षमता वाला कोविड केयर सेंटर अब तक नहीं खुला है। जबकि सेंटर के लिए डॉक्टर व स्टाफ की नियुक्ति हो चुकी है। जिससे संक्रमित मरीज दर-दर भटकने को मजबूर हैं। सिविल हॉस्पिटल से लेकर नरसिंहपुर के जिला अस्पताल में हर बिस्तर क्षमता से अधिक भरा हुआ है। कोविड केयर सेंटर न खुलने पर अब विधायक सुनीता पटेल के प्रतिनिधि मुकेश गुप्ता बंटू ने नाराजगी व्यक्त की है।
संक्रमणकाल में प्रशासन की बदइंतजामी से नाराज श्री गुप्ता ने कहा है कि क्षेत्र के लोग बहुत परेशान हैं। गाडरवारा सहित सांईखेड़ा, चीचली, सालीचौका में भ्ाी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं खराब है। कोरोना मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है। विधायक सुनीता पटेल द्वारा विधायक निधि से स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने 25 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस राशि से जो भी जरुरत है उस पर स्वास्थ्य अमला खर्च करें और किस व्यवस्था में कितनी राशि खर्च की जा रही है इसकी जानकारी से विधायक को अवगत कराया जाए। इसके अलावा कोई कमी होगी तो उसकी पूर्ति भी विधायक द्वारा की जाएगी। श्री गुप्ता का कहना है कि यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि अभ्ाी तक स्वीकृत राशि को कहां खर्च किया गया, क्या व्यवस्था की गई और क्या कमियां हैं किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई है। क्षेत्र के लोग परेशान हैं, परंतु व्यवस्था के नाम पर सब चौपट है। विधायक प्रतिनिधि ने प्रभारी मंत्री एवं कलेक्टर से समस्या का जल्द समाधान कराने मांग की गई है। साथ ही कहा है कि जिला प्रशासन से विधायक द्वारा रेमडिसीवर इंजेक्शन की बात हुई थी परंतु आज दिनांक तक तहसील मुख्यालय पर इंजेक्शन की व्यवस्था नहीं की गई है। समस्या का जल्द ही निराकरण किया जाए जिससे कि मरीजों को हो रही परेशानियों से निजात मिले और महामारी के दौरान बन रही गंभीर स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का बेहतर संचालन हो सके।