नरसिंहपुर। जिले के गाडरवारा थाने में पदस्थ रहे निलंबित टीआई अखिलेश मिश्रा पर बेटी के अपहरण का मामला विवेचना में खारिज कर दिया गया है। जबकि पिस्तौल के मामले में कश्मकश बरकरार है। यद्यपि सीसीटीवी फुटेज साफ तौर पर पिस्तौल जमा होने की गवाही दे रहे हैं।
दक्षिण भारतीय फिल्मों में अक्सर ऐसे दृश्य देखने को मिल जाते हैं, जब किसी थानेदार को फंसाने के लिए उस पर विभाग के ही लोग तरह-तरह के पैंतरे अपनाते हैं। ऐसा ही अजीबोगरीब घटनाक्रम गाडरवारा थाने में पिछले दिनों देखने को मिला था। जानकारी के अनुसार पिछले दिनों थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा को उनकी पत्नी द्वारा बेटी को जबरन घर से ले जाने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। इनके खिलाफ बिना जांच-पड़ताल किए बेटी के अपहरण का मामला भी दर्ज किया गया था। हालांकि दो-तीन पहले ही इनकी बेटी के मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत जब बयान हुए तो पुलिस विभाग के आलाधिकारी अपनी करनी को लेक चुप्पी साध गए। बेटी ने खुद ही पिता के पास आना स्वीकार किया है। इसके बाद आनन-फानन में विवेचना को खत्म कर अपहरण की धारा हटा दी गई।
पिस्तौल गुमाने का दर्ज किया मामला
बिना सोचे समझे बेटी के कथित अपहरण का मामला लादने के दो दिन बाद ही निलंबित टीआई अखिलेश मिश्रा पर उसी थाने में सरकारी पिस्तौल गुमाने की शिकायत दर्ज की गई। जबकि थाने में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में साफ दिख रहा है कि श्री मिश्रा ने अपनी पिस्तौल थाने के मुंशी को सुपुर्द की है। बावजूद इसके, फुटेज संबंधी प्रमाण को भी आलाधिकारी अनदेखा कर गए। पुलिस विभाग में चल रही चर्चाओं के अनुसार, दरअसल श्री मिश्रा रेत के अवैध कारोबारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे थे, इसे लेकर कतिपय अफसर नाराज थे।
गाडरवारा के निलंबित टीआई अखिलेश मिश्रा पर बेटी के अपहरण का मामला उनकी पत्नी की शिकायत पर दर्ज किया गया था। जहां तक पिस्तौल गुमने के मामले में सीसीटीवी फुटेज की जो बात हो रही है, उसकी भी हम जांच कर रहे हैं।
अजय सिंह, पुलिस अधीक्षक, नरसिंहपुर।
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गाडरवारा थाने के निलंबित टीआई के प्रति दुर्भावनापूर्वक नहीं शिकायत पर कार्रवाई हुई है। मामले की जांच जारी है, हमने उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया। पिस्तौल गुमने व पिस्तौल जमा होने संबंधी सीसीटीवी फुटेज की भी पड़ताल की जा रही है।
भगवत सिंह चौहान, आईजी, जबलपुर रेंज
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मेरे साथ जो घटनाक्रम हुआ, वैसा दक्षिण भारतीय फिल्मों में ही देखने को मिलता है। सारे सबूत होने के बाद भी बिना जांच किए मुझे फंसा दिया गया। मैं इस मामले में जल्द ही न्यायिक शरण लूंगा।
अखिलेश मिश्रा, निलंबित टीआई, गाडरवारा।