वर्ष 2019 के लिए गांधी शांति पुरस्कार की घोषणा

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सुल्तान काबूस बिन सैद अल सैद

वर्ष 2019 का गांधी शांति पुरस्कार ओमान के (दिवंगत) महामहिम सुल्तान काबूस बिन सैद अल सैद को प्रदान किया जा रहा है। गांधी शांति पुरस्कार,वर्ष 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया एक वार्षिक पुरस्कार है। यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग से परे सभी व्यक्तियों के लिए है।

जूरी की 19 मार्च को हुई एक बैठक में उपयुक्त विचार-विमर्श के बाद अहिंसक एवं अन्य गांधीवादी तरीकों के जरिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन में (दिवंगत) महामहिम सुल्तानकाबूस बिन सैद अल सैद के उत्कृष्ट योगदानों को देखते हुए उन्हें वर्ष 2019 का गांधी शांति पुरस्कार प्रदान करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।
इस पुरस्कार में 1 करोड़ रूपये, एक प्रशस्ति – पत्र, एक पट्टिका और हस्तशिल्प / हथकरघा से निर्मित एक अति सुंदर पारंपरिक सामग्री दी जाती है।

  सुल्तान काबूस एक दूरदर्शी नेता थे जिनकी अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के समाधान में संयम और मध्यस्थता की जुड़वां नीति ने उन्हें दुनिया भर में प्रशंसा और सम्मान दिलाया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रीय विवादों और संघर्षों में शांति प्रयासों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महामहिम सुल्तान काबूस भारत और ओमान के बीच विशेष संबंधों के शिल्पकार थे। उन्होंने भारत में पढ़ाई की थी और हमेशा भारत के साथ एक विशेष संबंध बनाए रखा। उनके नेतृत्व में, भारत और ओमान रणनीतिक भागीदार बने और हमारी पारस्परिक रूप से लाभप्रद, व्यापक साझेदारी मजबूत हुई और इसने नई ऊंचाइयों को छुआ।

गांधी शांति पुरस्कार पाने वालों में तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जूलियस न्येरेरे;जर्मनी के संघीय गणराज्य के डॉ. गेरहार्ड फिशर; रामकृष्ण मिशन; बाबा आम्टे (श्री मुरलीधर देवीदास आम्टे); दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. नेल्सन मंडेला; ग्रामीण बैंक ऑफ बांग्लादेश; दक्षिण अफ्रीका के आर्कबिशप डेसमंड टूटू; श्री चंडी प्रसाद भट्ट एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नाम शामिल हैं। गांधी शांति पुरस्कार के हालिया विजेताओं में विवेकानंद केंद्र, भारत (2015); अक्षय पात्र फाउंडेशन, भारत एवं सुलभ इंटरनेशनल (संयुक्त रूप से, 2016 के लिए); एकल अभियान ट्रस्ट, भारत (2017) और श्री योही ससाकावा, जापान (2018)शामिल हैं।

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