नरसिंहपुर। जिले में रेत के अवैध खनन का सिलसिला अधिकारियों की मिलीभगत के चलते अब कई गुना तेजी से बढ़ने लगा है। इसकी जीवंत तस्वीरें प्रमाण समेत बुधवार को देखने मिली। एक घटनाक्रम में गंगई की प्रतिबंधित खदान से अवैध खनन कर छिंदवाड़ा ले जाई जा रही रेत को जब्त कराने के बजाय चेकपोस्ट पर उसकी रॉयल्टी वसूलकर वैध कर दिया गया। वहीं गाडरवारा की शक्कर नदी में सीमांकन के इतर व धरमपुरी के प्रतिबंधित नर्मदा घाट से रेत के परिवहन की तस्वीरें अवैध खनन की गवाही देती नजर आईं। छत्तरपुर व आसपास के गांवों में हथियारों के बूते रेत-बजरा निकालने वालों की शिकायत भी एसपी-कलेक्टर के पास पहुंची।
जिले में कुल 36 रेत खदानों का ठेका धनलक्ष्मी प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। इन खदानों में चीचली अंतर्गत गंगई की खदानें शामिल नहीं हैं। यहां पर रेत का खनन पूरी तरह से अवैध है। बावजूद इसके बुधवार सुबह एक ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरी करीब 3 क्यबिक रेत का परिवहन छिंदवाड़ा जिले के लिए बेधड़क किया गया। धनलक्ष्मी के चेकपोस्ट पर जब यह ट्रॉली पहुंची और ऑपरेटर से चालक से रेत भरने के स्थल के बारे में पूछा तो उसे गंगई का पता बताया गया। कायदे से ऑपरेटर को ये रेत पुलिस के हवाले करनी थी। या फिर खनिज अधिकारी को सूचित करना था, लेकिन उसने ऐसा करने के बजाय सीधे-सीधे रॉयल्टी पर्ची काट दी। इसी तरह दूसरा मामला गाडरवारा की शक्कर नदी तट पर देखने को मिला। सुबह करीब 6 बजे सीमांकन वाली रेत खदान से हटकर अस्वीकृत तट पर माफिया ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भर-भरकर रेत का अवैध खनन व परिवहन करते रहे। इस बारे में फोटो वायरल होने पर जागरूकों ने तहसील मुख्यालय में तैनात खनिज निरीक्षक सुमित गुप्ता समेत जिला खनिज अधिकारी रमेश पटेल को भी सूचित किया लेकिन उन्होंने शिकायतों को अनसुना कर दिया। दिनभर अवैध खनन का सिलसिला जारी रहा। हैरत की बात ये रही कि इन तस्वीरों को वाट्सपएप के जरिए कलेक्टर वेदप्रकाश से भी शिकायत की गई लेकिन हुआ गया कुछ नहीं। इससे लोगों में अब आक्रोश चरम पर पहुंच रहा है। दिनभर सोशल मीडिया के जरिए जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर लोग सवाल उठाते रहे। उनका आरोप था कि जीवंत तस्वीरों को प्रमाण समेत प्रस्तुत करने के बावजूद कार्रवाई न करना ये साबित करता है कि अधिकारियों की माफिया के साथ मिलीभगत है।
माफिया ने खोदी सड़क, बंदूक दिखाकर डराया-धमकाया
बुधवार को छत्तरपुर से लगे गांवों में अवैध खनन का घटनाक्रम सबसे बड़ा रहा। जिला मुख्यालय पहुंचीं जिला पंचायत की सदस्य वंदना पटेल, छत्तरपुर के सरपंच नवल सिंह पटेल के अलावा जनपद पंचायत चावरपाठा के सदस्य घनश्याम सिंह पटेल, अतुल लोधी गंगई, नेतराम पटेल डोभी, रामसेवक पटेल समेत दो दर्जन ग्रामीणों ने एसपी अजय सिंह को ज्ञापन देकर सुरक्षा की गुहार लगाई। एसपी को सौंपी शिकायत में इन लोगों ने बताया कि कढेली, छत्तरपुर, डोभी, इमलिया समेत आसपास के गांवों में पाड़ाझिर व अन्य नदी घाटों पर रेत की खदानें स्वीकृत नहीं हैं। बावजूद इसके यहां पर दबंग लोग बंदूक की नोक पर अवैध वसूली करने में लगे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बन रहे मकानों के लिए गरीब लोग यदि बजरा या मिट्टी भी उठाते हैं तो बंदूकधारियों की फौज उसके घर किसी भी वक्त दबिश देकर रॉयल्टी मांगने लगती है। जबकि इन्हें ये सब करने का अधिकार नहीं है। इनके चलते गांवों में तनाव की स्थिति निर्मित हो रही है। इन लोगों ने गांवों को जोड़ने वाले कई मार्गों को खोद डाला है ताकि अवैध खनन ये लोग आसानी से कर सकें। शिकायत में शैलेंद्र लोधी, हितन लोधी, ईशू लोधी, नीरज लोधी पर ग्रामीणों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया गया है। इसके पूर्व इन लोगों ने कलेक्टर वेदप्रकाश को भी इस सिलसिले में ज्ञापन सौंपा। जिला पंचायत सदस्य वंदना पटेल ने बताया कि कलेक्टर ने 7 दिन के भीतर मामले की जांच व कार्रवाई का भरोसा दिया है।
माफिया की तीमारदारी करते रहे खनिज अधिकारी
कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन सौंपने के बाद जब ग्रामीण व जनप्रतिनिधि जिला खनिज अधिकारी से शिकायत करने पहुंचे तो वे पहले पहल माफियाओं की तीमारदारी करते नजर आए। उनका कहना था कि जिलेभर की खदानों की रॉयल्टी वसूलने का ठेका धनलक्ष्मी के पास ही है। हालांकि जब जनप्रतिनिधि उनसे सवाल पर सवाल दागने लगे तो वे अपनी ही बात को झुठलाते नजर आए। उनका कहना रहा कि शासन ने 36 खदानों की ही नीलामी की है। इन्हीं खदानों से ही रॉयल्टी वसूली जा सकती है। उनका कहना था कि जिस जगह कि ग्रामीण शिकायत कर रहे हैं, उसके संबंध में पुलिस को जानकारी दी जाएगी। जनप्रतिनिधियों से वे ये भी कहते रहे कि अब हमारा काम निरीक्षण में अवैध खनन पाए जाने पर पुलिस को सूचित करना है। पुलिस की मदद से ही हम अवैध खनन रोक सकते हैं।
शगुन व कुड़ी घाट पर हड़बड़ाए अफसर
एक तरफ छत्तरपुर के ग्रामीणों को खनिज अधिकारी रमेश पटेल पुलिस के जरिए कार्रवाई का भरोसा दे रहे थे। इसी दौरान जब उनसे पूछा गया कि यही कार्रवाई आपने शगुन व कुड़ी घाट के मामले में क्यों नहीं की, इस पर वे हड़बड़ा गए, स्पष्ट जवाब वे नहीं दे पाए। कभी वे कहते रहे कि सीमांकन हो रहा तो कभी उनका कहना था कि हमने कई बार पुलिस को पत्र लिखा। अंतिम रूप से वे कहने लगे कि कलेक्टर इस मामले में कार्रवाई कर रहे हैं।