नरसिंहपुर/कौंड़िया। गन्ना पिराई का कार्य शुरू होने के महिनों बाद भी गन्ना के दाम न बढ़ने से किसानों में आक्रोश पनप रहा है। क्षेत्र के अधिकांश किसान 285 रूपये प्रति क्विंटल की दर पर मिलों को गन्ना बेंच चुके हैं। जिले की कुछ मिलों ने गन्ना के दाम 295 रूपये प्रति क्विंटल तो कर दिए हैं लेकिन कुछ मिलें अभी भी 285 रूपये प्रति क्विंटल की दर पर किसानों से गन्ना की खरीदी कर रहीं हैं। क्षेत्र के किसान 350 रूपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ना की खरीदी कराने शासन से मांग कर रहे हैं।
गन्ना के कारोबार व खेती से जुड़े किसान गन्ना के दामों में वृद्धि न होने से नाराज हैं। किसानों का कहना है कि गन्ना पिराई सत्र चालू हुए लंबा समय हो गया है। लेकिन गन्ना के दाम नहीं बढ़ाए जा रहे हैं। गन्ने का दाम बढ़ाने किसानों द्वारा की जा रही मांग के समर्थन में माहौल बनने लगा है। किसानों का कहना है कि मिल मालिकों की अनदेखी से गन्ना उत्पादक किसानों की हालत खराब हो रही है। जिससे किसान गन्ना का रकबा कम करते हुए मूंग की खेती पर ज्यादा भरोसा जताने लगे हैं। गन्ना की खेती में लागत बढ़ रही है लेकिन किसानों को न तो दाम सही मिल रहे हैं और न ही बेंची गई उपज का समय पर भुगतान होता है। गन्ना की नकदी फसल अब उधार की खेती बनती जा रही है। एक समय था जब गन्ना किसानेां को मिल से जारी होने वाली पर्ची पर ही एडवांस रकम व बाजार से कर्ज मिल जाता था। लेकिन अब यह पर्ची किसानों की पर्ची की साख रद्दी की तरह हो गई है। मिलों द्वारा किसानों का शोषण किया जा रहा है।मिलों में अपना दबदबा रखने बाले मिल संचालक खुली लूट मचा रहे हैं।