नरसिंहपुर जिले में चना, मसूर खरीदी घोटाला, किसानों-समिति प्रबंधकों समेत 29 के विरुद्ध एफआईआर
नरसिंहपुर। प्राथमिक कृषि सहकारी साख समिति झामर में वर्ष 2018 में ग्राम नोनी के 24 कथित कृषकों द्वारा सोसायटी एवं पंजीयन केन्द्र के कर्मचारियों के साथ मिलकर चना, मसूर की खरीदी में लगभग 54.88 लाख रुपए की अफरातफरी एवं आपराधिक अनियमितता करने के आरोप में 29 लोगों के विरूद्ध उपायुक्त सहकारिता द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस गड़बड़ी की जांच के लिए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने निर्देश दिये थे। कलेक्टर के निर्देशानुसार गठित जांच दल की रिपोर्ट में विभिन्न अनियमिततायें सामने आने पर ये एफआईआर दर्ज की गई है।
गोटेगांव पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 420, धारा 120- बी एवं धारा 511 के तहत 31 मई को एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिन लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है, उनमें कृषि सहकारी समिति श्रीनगर के प्रबंधक राजेन्द्र पटैल एवं ऑपरेटर सुरेश कुमार रजक, कृषि साख सहकारी समिति सिमरिया के प्रबंधक देवी तिवारी व ऑपरेटर बुद्धराज सिंह पटैल, कृषि साख सहकारी समिति जमुनिया के प्रबंधक कल्याण सिंह पटैल एवं ऑपरेटर बसंत पटैल, कृषि साख सहकारी समिति झामर के प्रबंधक दुर्गा प्रसाद मेहरा व प्रभारी सतीश राजपूत तथा ऑपरेटर देवेन्द्र दुबे और नीतेश पटैल, ग्राम नोनी के सुरेश कुमार रामदीन, चरन राजकुमार मेहरा, तोफान ईश्वर, रोहित रामचरन पटैल, हेमंत नारायण प्रसाद विश्वकर्मा, हीरालाल कल्याण, जितेन्द्र रामचरन पटैल, जितेन्द्र उजयार मेहरा, भोलाराम उर्फ जयसिंह हरप्रसाद काछी, ध्रुव कुमार रणछौण दुबे, करण भास्कर सिंह पटैल, पूनम ईश्वरदास, रूपम कैलाश विश्वकर्मा, हर्षित अशोक राठौर, शिवदास इमरतलाल, सुखवती गजराज मेहरा, राधेश्याम रामप्रसाद तथा गयाप्रसाद करोड़ीलाल और गोटेगांव के राहुल राजेश सोनी के नाम शामिल हैं।
जांच दल की रिपोर्ट में पाया गया कि ग्राम नोनी के 24 कथित कृषकों द्वारा सोसायटी एवं पंजीयन केन्द्र के कर्मचारियों के साथ मिलकर लगभग 54.88 लाख रुपए की अफरा- तफरी की गई। फर्जी सिकमीनामा के आधार पर किसानों का पंजीयन कराया गया। जिन किसानों के नाम से पंजीयन कराया गया, उन किसानों ने भूमि सिकमी पर दिये जाने से इंकार किया और बताया कि सिकमीनामा पर उनके फर्जी हस्ताक्षर किये गये हैं। नोटरी ने भी सिकमीनामा को नोटराइज्ड कराने से इंकार किया। वर्ष 2019 में जारी स्टांप पेपर को वर्ष 2018 के दस्तावेजों में कूट रचना कर लगाया गया।
जांच दल की रिपोर्ट में सामने आया कि आरोपियों ने साथ मिलकर जानबूझकर धोखाधड़ी और फर्जी व कूटरचित दस्तावेज के आधार पर पंजीयन कराकर 1078 क्विंटल चना और 113.50 क्विंटल मसूर जिसकी कुल कीमत 54 लाख 88 हजार 272.50 रुपए को प्राप्त करने के लिए जानबूझकर निजी फायदे के लिए शासन को हानि पहुंचाने का षणयंत्र रचा। इस कारण से एफआईआर दर्ज कराई गई।
प्रकरण में यह भी पाया गया कि सेवा सहकारी समिति झामर द्वारा जिन 25 किसानों की सूची दी गई है, उनमें से 4 किसानों जगदीश प्रसाद शिवलाल गौंड़ कटकुही, राहुल राजेश सोनी गोटेगांव, सुमित बाबूलाल रजक करकबेल एवं बेनी शंकर हुनरचंद शुक्ला करकबेल को छोड़कर शेष सभी 21 व्यक्ति ग्राम नोनी के निवासी हैं।
जांच में स्पष्ट किया गया है कि सहकारी समिति झामर की ओर प्रस्तुत 25 किसानों की सूची में से केवल बेनीप्रसाद शुक्ला को छोड़कर अन्य 24 व्यक्तियों को पोर्टल में दर्शित चना/ मसूर की राशि के भुगतान की पात्रता नहीं है। इस गड़बड़ी के लिए कथित कृषक उत्तरदायी हैं, बल्कि पंजीयन करने वाली समिति के कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं फर्ची चना/ मसूर विक्रय की रसीदे बनाने वाली समिति झामर के कर्मचारी भी उत्तरदायी हैं।