सोमवार को जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे दोनों संगठनों के करीब दो दर्जन युवाओं ने बताया कि पुत्री शाला के पास हुए झगड़े में आरोपित पक्ष की बात नहीं सुनी गई है। ज्ञापन में कहा गया कि मामला कायम करते वक्त घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को नहीं देखा गया। उन्होंने एक ही परिवार के चार सदस्यों पर धारा 307 का मामला दर्ज करने को गलत बताया। उनका कहना था कि झगड़े में परिवार के अन्य सदस्यों को बेवजह फंसाया गया है। इस मामले में केवल एक ही पक्ष को सुना गया है जबकि एफआइआर करने वाले पक्ष द्वारा पहले हमला किया गया था। ज्ञापन देने वालों का कहना था जब झगड़ा हुआ था तो घायल पक्ष की ओर से भी बड़ी संख्या में लोग आए थे, जिन्होंने मारपीट की थी। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से समूचे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।