नरसिंहपुर। कोरोना संक्रमित की मौत के मामले में स्पष्ट गाइडलाइन है कि शव को नगरपालिका के कर्मचारी मुक्तिधाम लेकर जाएंगे लेकिन ये नियम गुरुवार को गोटेगांव में धुंधला पड़ गया। यहां कमोद गांव की एक संक्रमित महिला की मौत के बाद शववाहन तो भिजवा दिया गया लेकिन उसके साथ कर्मचारी नहीं आए। थक-हारकर मृतका के चार परिजनों ने पीपीई किट पहनकर शव को पॉलीथिन में लपेटा और उसका दाहसंस्कार कराने मुक्तिधाम पहुंचे।
जानकारी के अनुसार मृतका को संक्रमण के कारण स्वास्थ्य केंद्र में भ्ार्ती किया गया था। जिसके इलाज में स्टाफ की कमी के कारण मेडिकल की पढ़ाई कर रहे उसके पुत्र ने भ्ाी इलाज करने में सहयोग किया। वहीं जब महिला की मौत हुई तो शव को कोविड गाइडलाइन के अनुसार पॉलीथिन में लपेटकर कर्मचारियों के जरिए ही शव वाहन से मुक्तिधाम भेजा जाना था, लेकिन अव्यवस्था की हद ये रही कि कोई नहीं पहुंचा। जिससे स्वास्थ्य विभाग को मृतक के 4 स्वजनों को ही पीपीई किट दी गईं जिसे पहनकर पहले उन्होंने शव को पॉलीथिन में लपेटा और फिर एंबुलेंस की मदद से शव अपने गांव कमोद ले गए जहां सुरक्षित तरीके से अंतिम संस्कार किया।
पिछले दिनों तीन लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद से नगरपालिका के कर्मचारियों में डर बैठ गया है। इसी कारण से वे गुरुवार को सूचना के बाद भी कार्य करने नहीं गए, हालांकि इस संबंध में कार्रवाई की जा रही है।
सौहार्द मात्रे, उपयंत्री व प्रभारी सीएमओ, गोटेगांव
कमोद निवासी महिला की मौत होने के बाद नगर पालिका, एसडीएम व पुलिस को सूचना दी गई थी लेकिन कोई नहीं आया न ही कर्मचारी की व्यवस्था की गई। इस संबंध में एसडीएम की जानकारी दे सकतीं हैं।
डॉ. एसएस धुर्वे, प्रभारी सीबीएमओ गोटेगांव