मप्र गौपालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश्वरानंद गिरी की मौजूदगी में हुई गौवंश संरक्षण पर परिचर्चा
नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश्वरानंद गिरी (कैबिनेट मंत्री दर्जा) की मौजूदगी में गौवंश संरक्षण पर परिचर्चा हुई। परिचर्चा का आयोजन पीजी कॉलेज नरसिंहपुर के ऑडिटोरियम में किया गया। परिचर्चा में विधायक जालम सिंह पटैल, गौपालक, सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, कृषक शामिल हुये। इसके पूर्व श्री गिरी ने पशु चिकित्सा विभाग के अंतर्गत गौसंवर्धन से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने ग्राम तिंदनी एवं नयाखेड़ा का भ्रमण कर गौशाला का अवलोकन किया। कार्यक्रम में गौपालकों का सम्मान भी किया गया।
मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष श्री गिरी ने बोर्ड की गौसंवर्धन से संबंधित शासन की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने गौसंवर्धन एवं संरक्षण के लिए कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने निराश्रित गौवंश को गौशालाओं में रखने की बोर्ड की नीति और चरनोई भूमि के संरक्षण व संवर्धन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत के कुल रकबे में से दो प्रतिशत रकबे को चरनोई भूमि के रूप में आरक्षित रखा जाना चाहिये। उन्होंने बताया कि नरसिंहपुर जिले में 30 गौशालायें बनाई जा चुकी हैं एवं 60 निर्माणाधीन हैं। गौशाला से 5 एकड़ भूमि को संबद्ध करने की कार्य योजना तैयार की गई है। गौशाला के सफल संचालन के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी दी। उन्होंने गौशालाओं को बढ़ावा देने के लिए लोगों से सहयोग देने का आग्रह किया। इसमें सामाजिक संस्थाओं, गौपालकों एवं आमजनों की सहभागिता पर जोर दिया गया। उन्होंने बताया कि देश में सबसे अधिक 20 प्रतिशत गौवंश मध्यप्रदेश में हैं, इनकी संवर्धन की व्यापक संभावना है।
कार्यक्रम में विधायक जालम सिंह पटैल, राकेश खेमरिया तूमड़ा, नरेन्द्र यादव सिमरिया, बसंत सोनी नरसिंहपुर, भागीरथ तिवारी करेली को शाल- श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की रूपरेखा सुनील कोठारी ने बताई। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त डिप्टी डायरेक्टर पशु चिकित्सा सेवायें डॉ. जेएल वर्मा, थम्मन शर्मा, मदन खत्री, जिला समन्वयक मप्र ज.अ.प. जयनारायण शर्मा और गौसंवर्धन व संरक्षण से जुड़े नागरिक मौजूद थे।